हमने विकासशील देश के तौर पर नहीं करना चाहिए दावा
सीजेआई भूषण गवई का कथन

नई दिल्ली/दि.20 – समाज के एक बडे वर्ग को उपेक्षित रखनेवाली संरचनात्मक असमानता की ओर ध्यान दिए बिना कोई भी देश विकासशील अथवा लोकतांत्रिक देश के तौर पर दावा नहीं कर सकता है, इस आशय का प्रतिपादन देश के मुख्य न्यायमूर्ति भूषण गवई द्वारा किया गया.
इटली के मिलान शहर में आयोजित समारोह में उपरोक्त विचार व्यक्त करते हुए न्या. भूषण गवई ने कहा कि, दीर्घकालिन स्थिरता, सामाजिक सामंजस्य व चिरंतन विकास को साध्य करने हेतु सामाजिक व आर्थिक न्याय की व्यवहारिक जरुरत है. किसी भी देश में सामाजिक व आर्थिक न्याय को ही विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण बताते हुए न्या. भूषण गवई ने कहा कि, विकास सर्वसमावेशक होना चाहिए और इस दृष्टि से समान अवसर व सम्मान के आधार पर इसका वितरण आवश्यक है.
साथ ही सीजेआई भूषण गवई ने यह भी कहा कि, भारतीय संविधान के सर्वसमावेशी व परिवर्तनकारी दृष्टिकोन के चलते ही आज वे भारत के मुख्य न्यायमूर्ति के तौर पर सबके सामने खडे है. एक ऐतिहासिक उपेक्षित घटक की पार्श्वभूमि से वास्ता रखने के चलते वे भारतीय संविधान के आदर्शों के एक प्रतिनिधि है.





