पृथक विदर्भ राज्य के लिए हम कोई भी बलीदान देंगे
मेलघाट विदर्भ निर्माण जनसंकल्प सम्मेलन में किया गया निर्णय

अमरावती /दि.16 -विदर्भ राज्य आंदोलन समिति की ओर से हाल ही में चिखलदरा स्थित नगर परिषद सभागृह में आइए जानें विदर्भ को… संकल्पना पर आधारित मेलघाट विदर्भ निर्माण जन संकल्प मेले में विदर्भ कार्यकर्ताओं ने संकल्प लिया ’हम लाठी-गोली खाएंगे, लेकिन 2027 तक विदर्भ राज्य प्राप्त करेंगे. इस सभा में विदर्भ के सभी 11 जिलों के लोगों, विशेषकर युवाओं और मातृशक्ति ने भाग लिया.
सभा की शुरुआत में दिवंगत विदर्भ योद्धा संभाजी सिरसाट गुरुजी और महादेवराव काटकर को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. इसके बाद, पिछले 120 वर्षों की विदर्भ मुक्ति संघर्ष यात्रा पर एक वृत्तचित्र प्रस्तुत किया गया, जिसकी परिकल्पना प्रसिद्ध उपन्यासकार डॉ. एकनाथ तातेड़ और छायाकार अजय तायड़े ने की थी और जिसका निर्माण प्राचार्य डॉ. पृथ्वीराज सिंह राजपूत और रंजनाताई मामर्डे ने किया था. सभा का उद्घाटन समारोह प्राचार्य डॉ. पृथ्वीराज सिंह राजपूत की अध्यक्षता में हुआ. जिसमें नागपुर खंडपीठ के प्रख्यात विधि विशेषज्ञ एड. नीरज खंडेवाले, पूर्व मंत्री डॉ. रमेश गजबे और जनसुराज्य पार्टी के अध्यक्ष राजेश काकड़े की उपस्थिति में आयोजित हुआ. इस अवसर पर, अपने उद्घाटन भाषण में, नीरज खंडेवाले ने विदर्भ की जनता से सभी प्रकार के दलगत मतभेद भुलाकर तन, मन और धन से इस लड़ाई में शामिल होने की अपील की. मुख्य अतिथि, पूर्व मंत्री डॉ. रमेश गजबे ने संकल्प लिया कि वे स्वयं आगामी दिनों में विदर्भ जनजागरण यात्रा निकालेंगे. विशिष्ट अतिथि, जनसुराज्य पार्टी के अध्यक्ष राजेश काकड़े ने दृढ़ संकल्प व्यक्त किया कि अब विदर्भ को राज्य मिलने तक कोई रोक नहीं है. अपने अध्यक्षीय भाषण में डॉ. पृथ्वीराज सिंह राजपूत ने विदर्भ मुक्ति संग्राम को जनांदोलन बनाने के लिए, प्रसिद्धि की चाह किए बिना, आंदोलन में शामिल सभी लोगों से जनजागरण के कार्य को एक व्रत के रूप में स्वीकार करने की अपील की.
इस अवसर पर समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले सेवाभावियों का सम्मान किया गया. इस कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध समाजसेवी डॉ. कमलताई गवई, विदर्भ राज्य आंदोलन समिति के अध्यक्ष एड. वामनराव चटप, विदर्भ वीरांगना रंजनाताई मामर्डे, आधार फाउंडेशन के निदेशक राजाभाऊ बसवनाथे, प्रसिद्ध छायाकार अजय तायडे, सामाजिक समरसता बनाए रखने वाले शेख अब्दुल भाई, प्रखर विदर्भ कवि वसंत गवली, पृथक विदर्भ राज्य निर्माण तक नंगे पैर चलने का संकल्प लेने वाले विठ्ठलराव मानेकर और युवा नेता विजय नवखरे का गणमान्यों ने शॉल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया. उद्घाटन के अवसर पर विदर्भ राज्य आंदोलन समिति के अध्यक्ष एड. वामनराव चटप, महिला आघाडी राज्य अध्यक्ष रंजनाताई मामर्डे, युवा आघाडी अध्यक्ष मुकेश मासुरकर, पूर्व विदर्भ अध्यक्ष अरुणभाऊ केदार, उपाध्यक्ष सुनील चोखरे, पश्चिम विदर्भ उपाध्यक्ष एड. सुरेश वानखडे मंच पर उपस्थित थे. शिक्षा के क्षेत्र में उभरते नेतृत्वकर्ता, प्रा. डॉ. प्रशांत विघे ने अतिथियों का परिचय दिया. स्वागत भाषण चिखलदरा नगर परिषद के उपाध्यक्ष शेख अब्दुल भाई ने दिया.जबकि आभार प्रदर्शन राजेंद्र आगरकर ने किया.
*प्रथम सत्र: मेलघाट के अंतरंग
शिक्षा के क्षेत्र के प्रखर विद्वान डॉ. एन. जी. बेलसरे की अध्यक्षता में आयोजित इस सत्र में मेलघाट संस्कृति के शोधकर्ता एवं प्रसिद्ध लेखक प्राचार्य डॉ. काशीनाथ बहाटे ने मेलघाट की संस्कृति और सभ्यता पर अत्यंत विद्वतापूर्ण व्याख्यान दिया और इस दुर्लभ एवं आदिम वैभव को संरक्षित करने की आवश्यकता पर पुरजोर ढंग से बल दिया. अपने अध्यक्षीय भाषण में डॉ. बेलसरे ने गांधी और विनोबा की कर्मभूमि विदर्भ के बारे में विस्तृत जानकारी दी. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में तात्यासाहेब मते ने विदर्भ में बेरोजगारी की समस्या के समाधान योजना पर अपने समयोचित विचार प्रस्तुत किए. इस सत्र की प्रस्तावना प्रसिद्ध भाषाविद् डॉ. हेमंत खड़के ने दी, जबकि युवा आघाड़ी ने धन्यवाद ज्ञापन किया.
* विदर्भ के युवा आग लेकर उठ खड़े हों
भोजनावकाश के पश्चात विदर्भ राज्य आंदोलन समिति महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष विदर्भ वीरांगना रंजनाताई मामर्डेे की अध्यक्षता में आयोजित सभा को प्रसिद्ध फिल्म एवं टेलीविजन अभिनेता वन्हाड भूषण भारत गणेशपुरे ने अपने अनोखे अंदाज में संबोधित करते हुए आशा व्यक्त की कि विदर्भ के युवा सभी नकारात्मकता को दूर कर जीवन में नई चुनौतियों को स्वीकार करेंगे और अपनी मातृभूमि का गौरव वापस लाएंगे. अपने अध्यक्षीय भाषण में रंजनाताई मामर्डेे ने केंद्र सरकार से सीधा सवाल किया, हमारा विदर्भ राज्य हमें क्यों नहीं दिया जा रहा है? आज़ादी के बाद कई छोटे-छोटे राज्य बने, लेकिन 120 साल से मांग करने के बाद भी हमारे साथ ऐसा अन्याय क्यों हो रहा है? उन्होंने गरजते हुए कहा कि अब हम कोई भी कुर्बानी देंगे, लेकिन विदर्भ राज्य हासिल कर रहेंगे. इस अवसर पर अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के प्रांतीय अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राजपूत के साथ समाज के लोग और सेवानिवृत्त पुलिस साथी भी मौजूद थे.
सभा के अंतिम सत्र में विदर्भ राज्य आंदोलन समिति के अध्यक्ष, पूर्व विधायक एवं प्रखर सांसद एड. वामनराव चटप की अध्यक्षता में तथा विरांस के पदाधिकारियों, जिला अध्यक्ष, तहसील अध्यक्ष एवं विशिष्ट अतिथि की उपस्थिति में खुला सत्र आयोजित किया गया. इस अवसर पर सभा में उपस्थित लोगों के मन में उठे प्रश्नों का स्थायी समाधान क्या होगा, इस पर खुली चर्चा की गई. तत्पश्चात एड. वामनराव चटप ने सभा को संबोधित करते हुए विदर्भ के अतीत के गौरव, आज की भयावह वास्तविकता, कर्ज में डूबे महाराष्ट्र और इसके स्थायी समाधान अर्थात विदर्भ को अलग राज्य बनाने के विषय पर अत्यंत प्रेरक एवं मनमोहक भाषण दिया. इस सत्र की प्रस्तावना अमरावती जिला संयोजक दिलीप भोयर ने संक्षिप्त रूप में की. सभा के अंत में आभार व्यक्त करते हुए प्राचार्य डॉ. पृथ्वीराज सिंह राजपूत ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया. सभा का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ तथा विदर्भ राज्य बनाने का संकल्प लिया गया.





