गया था कोर्ट की पेशी पर, रच डाली हत्या की साजिश

भाई के हत्यारे को ठिकाने लगाने बनाया था प्लान

* नाशिक गोलीबारी कांड में अमरावती का नाम आया सामने
* अमरावती जेल से ही पेशी पर नाशिक पहुंचा था शेखर निकम
* नाशिक में लॉकअप की बजाए लॉज में रुकने की बात उजागर
* अब शेखर के साथ नाशिक गए तीन पुलिस कर्मियों पर गाज गिरना तय
* घटना को लेकर नाशिक से अमरावती तक हडकंप, जांच जारी
अमरावती/दि.23 – गैंगवार तथा हत्या जैसे संगीन मामलों में लिप्त रहने के चलते अमरावती सेंट्रल जेल में बंद रहनेवाले शेखर निकम नामक कैदी ने एक मामले को लेकर चल रही सुनवाई के लिए कोर्ट में पेश होने हेतु नाशिक पहुंचने के बाद वहां पर अपने साथीदारों के साथ मिलकर अपने भाई के हत्यारे पर हमला कर उसे मौत के घाट उतारने की योजना बना डाली. जिसके बाद शेखर निकम के साथीदारों ने योजना पर अमल करते हुए विगत 16 सितंबर को नाशिक के पंचवटी क्षेत्र स्थित राहुलवाडी परिसर में सागर जाधव पर गोलीबारी कर डाली. जिसमें बुरी तरह घायल हुए सागर जाधव की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है. ऐसे में इस घटना को लेकर नाशिक से अमरावती तक अच्छा-खासा हडकंप देखा जा रहा है. साथ ही साथ यह मामला इस वजह से भी ज्यादा गंभीर हो गया है कि, अमरावती से कोर्ट में पेश करने हेतु नाशिक पहुंचे कैदी शेखर निकम को नाशिक के किसी पुलिस स्टेशन के लॉकअप में रखने की बजाए उसे वहां पर एक लॉज में ठहराया गया था और उसी लॉज में रहते समय कैदी शेखर निकम ने अपने साथीदारों के साथ मिलकर सागर जाधव को मौत के घाट उतारने की योजना बनाई थी. ऐसे में अब कोर्ट पेशी हेतु सेंट्रल जेल के कैदी शेखर निकम को अमरावती से नाशिक लेकर गए तीन पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की गाज गिरना तय माना जा रहा है. साथ ही इस समय अमरावती पुलिस द्वारा इस घटना को लेकर नाशिक पुलिस के साथ लगातार संपर्क करते हुए आवश्यक जानकारी हासिल की जा रही है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक अमरावती सेंट्रल जेल में बंद शेखर निकम नामक कैदी की 10 सितंबर को नाशिक की अदालत में पेशी थी. जिसके चलते अमरावती शहर पुलिस मुख्यालय में पदस्थ रहनेवाले पीएसआई मनोज राठोड तथा पुलिस सिपाही मुकेश यादव व सिद्धेश्वर गुट्टे 9 सितंबर की शाम शेखर निकम को अपने साथ लेकर नाशिक रवाना हुए थे. जहां पर नियमानुसार जिस थाना क्षेत्र में अदालत स्थित है, उस पुलिस थाने के लॉकअप में कैदी शेखर निकम को रखा जाना चाहिए था. परंतु ऐसा करने की बजाए शेखर निकम के साथ गए पुलिस कर्मियों ने नाशिक पहुंचने पर पेशी से पहले शेखर निकम को नाशिक रोड स्थित एक लॉज में ठहराया और खुद भी उसी लॉज में रुके. जिसके लिए संबंधित पुलिस कर्मियों द्वारा आरोपी से करीब 25 हजार रुपए का आर्थिक लेन-देन किए जाने की बात भी सामने आई. इसके बाद कैदी शेखर निकम को नाशिक कोर्ट में पेशी हेतु ले जाया गया और पेशी के बाद अमरावती वापिस लाया गया. जिसके चलते 11 सितंबर को शेखर निकम एक बार फिर अमरावती सेंट्रल जेल में वापिस आ चुका था. लेकिन इसके बाद 16 सितंबर को नाशिक के पंचवटी परिसर स्थित राहुलवाडी में सागर जाधव पर गोलीबारी की घटना घटित हुई. जिसे लेकर की गई जांच-पडताल में यह बात सामने आई कि, इस हमले की साजिश शेखर निकम और नाशिक मनपा के पूर्व भाजपा पार्षद जगदीश पाटिल द्वारा साथ मिलकर रची गई थी. गोलीबारी की वारदात में पकडे गए आरोपियों के बयान के आधार पर पंचवटी पुलिस ने संबंधित लॉज से सीसीटीवी फूटेज जब्त किए. जिसमें शेखर निकम व जगदीश पाटिल सहित अन्य आरोपी हत्या की योजना बनाते साफ तौर पर दिखाई दिए. जिससे यह स्पष्ट हो गया कि, अमरावती शहर पुलिस मुख्यालय के पुलिस कर्मियों ने शेखर निकम को कोर्ट पेशी हेतु नाशिक लाने के बाद पुलिस लॉकअप में रखने की बजाए एक लॉज में रुकवाया था. ऐसे में शेखर निकम के साथ-साथ संबंधित पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई होना लगभग तय माना जा रहा है.
क्या था पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक नाशिक के अपराध जगत में निकम गैंग एवं उघडे गैंग नामक दो अपराधिक गिरोह सक्रिय है और दोनों गुटों के बीच आपसी प्रतिस्पर्धा के चलते एक-दूसरे के सदस्यों पर अक्सर ही हमले किए जाते है. जिसके तहत कुछ समय पहले उघडे गैंग द्वारा निकम गैंग के सदस्य व शेखर निकम के भाई किरण निकम की हत्या की गई थी. जिसका बदला लेने के लिए अब निकम गैंग के शूटरों ने उघडे गैंग समर्थक सागर विठ्ठल जाधव पर जानलेवा हमला किया. अपनी मानी हुई बहन के पति के अंतिम संस्कार से लौटकर घर पहुंचे सागर पर निकम गैंग के विकी विनोद वाघ और विकी उत्तम वाघ नामक हमलावरों ने गोली चलाई. पहली गोली उसके बाएँ गाल को चीरकर गर्दन में फंस गई, जबकि दूसरी गोली चूक गई. इस घटना के बाद आरोपी बाइक से फरार हो गए.
पता चला है कि, सागर जाधव पर पहले भी जबरन वसूली और धमकी के केस दर्ज है और वह किरण निकम हत्याकांड वाले मामले से निर्दोष बरी हो गया था. ऐसे में उससे किरण निकम की मौत का बदला लेने के लिए निकम गैंग द्वारा उस पर गोलीबारी की गई. जिसके लिए फिलहाल अमरावती सेंट्रल जेल में बंद रहनेवाले शेखर निकम ने पेशी के लिए नाशिक पहुंचने पर अपने साथीदारों के साथ मिलकर अपने भाई की मौत का बदला लेने हेतु योजना बनाई थी. लेकिन अब इस मामले में शेखर निकम के साथ-साथ अमरावती शहर पुलिस के एक पुलिस अधिकारी व दो पुलिस कर्मचारी भी फंसते नजर आ रहे है. जिन्हें बहुत जल्द जांच के दायरे में लिया जा सकता है.

* …तो उन तीनों के खिलाफ होगी कार्रवाई
वहीं इस बारे में जानकारी एवं प्रतिक्रिया हेतु संपर्क किए जाने पर शहर पुलिस आयुक्त अरविंद चावरिया ने बताया कि, उन्होंने नाशिक पुलिस से इस पूरे मामले की फाईल मंगवाई है और यह फाईल आज शाम तक उन्हें मिल जाएगी. जिसे देखने के बाद वे आवश्यक कदम उठाने पर विचार करेंगे. साथ ही यदि कैदी को कोर्ट पेशी नाशिक लेकर गए अमरावती शहर पुलिस मुख्यालय के अधिकारी व कर्मचारी कर्तव्य में कोताही के दोषी पाए जाते है, तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

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