प्रारुप प्रभाग रचना को लेकर क्या सोचते हैं बडे नेता?
अधिकांश ने फिलहाल अध्ययन जारी रहने की बात कही

* ज्यादातर ने प्रारुप रचना को लेकर संतोष भी जताया
अमरावती/दि.5 – अमरावती महानगर पालिका के आगामी चुनाव हेतु गत रोज प्रशासन द्वारा प्रारुप प्रभाग रचना घोषित कर दी गई है. जिसे लेकर शहर की राजनीतिक पर पकड रखनेवाले नेता क्या सोचते है, यह जानने का प्रयास करने हेतु दैनिक अमरावती मंडल ने विभिन्न राजनीतिक दलों से वास्ता रखनेवाले शहर के कई बडे व दिग्गज नेताओं से संपर्क कर प्रारुप प्रभाग रचना को लेकर उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही, तो अधिकांश ने फिलहाल प्रभाग रचना के प्रारुप का अध्ययन जारी रहने की बात कही. साथ ही ज्यादातर ने इसे वर्ष 2017 की प्रभाग रचना की ‘सेम टू सेम’ कॉपी बताते हुए कहा कि, इक्का-दुक्का प्रभागों में कुछ बदलाव करने के अलावा बाकी पूरी प्रारुप रचना बिल्कुल सन 2017 की प्रभाग रचना जैसी है और अधिकांश प्रभागों की रचना व परिसीमन में कोई भी बदलाव नहीं किया गया. इसमें से अधिकांश नेताओं का यह भी कहना रहा कि, प्रभाग रचना चाहे कैसी भी हो, उसका पार्टी के प्रदर्शन और प्रत्याशी की हार-जीत पर फर्क नहीं पडता. क्योंकि, इस चुनाव में जमिनी स्तर पर काम करनेवाले और जनसमस्याओं को हल करने की क्षमता रखनेवाले प्रत्याशियों की ही जीत होती है.

* कुछ दुरुस्तियों की गुंजाईश तो है
अजीत पवार गुट वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं विधान परिषद सदस्य संजय खोडके के मुताबिक प्रारुप प्रभाग रचना में कुछ खामियां है, जिन्हें दुरुस्त किए जाने की गुंजाईश है. निर्वाचन आयोग द्वारा तय किए गए नियमानुसार अंतिम प्रभाग तीन सदस्यीय किया जाना था. जिसकी बजाए शहर के पूर्वी छोर पर बसे प्रभाग क्रमांक 9 वडाली को तीन सदस्यीय किया गया है. जो कि, नियमों के विरुद्ध है. वैसे भी वडाली प्रभाग भौगोलिक तौर पर काफी बडा बनाया गया है. जिसमें किसी भी पार्षद को काम करने में काफी दिक्कते आ सकती है, ऐसे में इस प्रभाग का नए सिरे से परिसीमन किया जाना चाहिए था. ताकि प्रभाग का प्रत्येक क्षेत्र पार्षदों की पहुंच में हो और काम करते समय किसी भी तरह की कोई दिक्कत भी न आए. इसी तरह जवाहर स्टेडियम प्रभाग में किए गए बदलाव का अगल-बगल स्थित करीब 4 प्रभागों पर कुछ हद तक विपरित परिणाम हुआ है. उसे भी सुधारे जाने की सख्त जरुरत है.

* बहुत ज्यादा बदलाव तो नहीं हुआ
कांग्रेस नेता व पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने प्रारुप प्रभाग रचना पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, दो-चार प्रभागों को छोडकर बाकी सभी प्रभागों को प्रारुप रचना के तहत जस का तस रखा गया है. खास बात यह है कि, मनपा क्षेत्र में शामिल अमरावती विधानसभा क्षेत्र में समाविष्ट रहनेवाले प्रभागों में कोई विशेष बदलाव नहीं हुआ. वहीं बडनेरा विधानसभा क्षेत्र में शामिल प्रभागों में काफी हद तक बदलाव दिखाई दे रहे है. प्रशासन ने सभी प्रभागों की नैसर्गिक सीमा को कायम रखने का पूरा प्रयास किया, यह स्पष्ट तौर पर दिखाई दे रहा है. परंतु वर्ष 2017 की तुलना में इस बार जनसंख्या व मतदाता संख्या में भी अच्छी-खासी वृद्धि हुई है. संभवता इस वजह के चलते कुछ प्रभागों में थोडाबहुत बदलाव किया गया होगा. मौजूदा प्रारुप रचना का राजनीतिक दलों को होनेवाले फायदे व नुकसान के बारे में पूछे जाने पर पूर्व पालकमंत्री डॉ. देशमुख ने कहा कि, मनपा चुनाव में हमेशा ही स्थानीय मुद्दे ही हावी होते है और काम करनेवाले प्रत्याशी को प्रभाग के मतदाता अपना पार्षद चुनना पसंद करते है. अत: प्रभाग रचना कोई बहुत बडा फैक्टर नहीं रहने वाला है. 
* अच्छी प्रारुप रचना, अब की बार 50 पार
मनपा की प्रारुप प्रभाग रचना को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के पूर्व शहराध्यक्ष एवं जिले के पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे ने कहा कि, प्रभाग रचना का प्रारुप काफी अच्छा है और इस बार भाजपा अपने अकेले के दम पर पिछली बार से भी बडी सफलता को दोहराते हुए लगभग 55 सीटे जीतेगी तथा अपने अकेले के दम पर मनपा में ‘सिंगल लार्जेस्ट’ पार्टी भी बनेगी. भाजपा नेता व पूर्व मंत्री प्रवीण पोटे पाटिल ने जोर देकर कहा कि, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जिस तरह से मराठा आंदोलन को संभाला और मराठा आरक्षण का समाधान निकाला, उससे पूरे राज्य में भाजपा के लिए बेहद पोषक वातावरण है. ऐसे में हमें मनपा चुनाव हेतु किसी के साथ युति या गठबंधन करने की जरुरत ही नहीं पडेगी और भाजपा अपने अकेले के दम पर मनपा का चुनाव लडते हुए पिछली बार की तरह और पिछली बार से बडी सफलता हासिल करेगी. जिसके तहत भाजपा द्वारा 87 सदस्यीय सदन में कम से कम 55 सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया गया है और इस बार के चुनाव में ‘अब की बार, 50 पार’ का नारा सार्थक किया जाएगा.

* भाजपा व युवा स्वाभिमान साथ मिलकर लडेंगे, भाजपा का बनाएंगे महापौर
युवा स्वाभिमान पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष एवं बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक रवि राणा ने मनपा चुनाव की प्रारुप प्रभाग रचना को बेहतरिन बताते हुए कहा कि, मनपा आयुक्त सौम्या शर्मा ने बेहद कम समय में अमरावती मनपा क्षेत्र का शानदार तरीके से अध्ययन करते हुए प्रभाग रचना का प्रारुप तैयार किया है. जिसके तहत प्रमुख रास्तों व बडे नालों के आधार पर प्रभागों की नैसर्गिक सीमा तय की गई है. जिसके चलते नए पार्षदों को काम करने में आसानी होगी. साथ ही विधायक रवि राणा ने यह भी कहा कि, भारतीय जनता पार्टी और युवा स्वाभिमान पार्टी द्वारा अमरावती मनपा का चुनाव साथ मिलकर लडा जाएगा तथा इस बार युवा स्वाभिमान पार्टी के सहयोग से मनपा में भाजपा का महापौर बनाया जाएगा.

फिलहाल अध्ययन कर रहे हैं, जरूरत हुई तो दर्ज करायेंगे आपत्ति
शिंदे गुट वाली शिवसेना के नेता व पूर्व पालक मंत्री जगदीश गुप्ता ने प्रारूप प्रभाग रचना को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रशासन ने काफी सोच समझकर ही प्रारूप प्रभाग रचना को तैयार किया होगा. फिलहाल इस प्रारूप रचना का अध्ययन किया जा रहा है और यदि इसमें कहीं कोई खामी दिखाई देती है. साथ ही आपत्ति दर्ज कराने की जरूरत महसूस होती है तो इसे लेकर प्रशासन के समक्ष अपनी आपत्ति व आक्षेप को दर्ज कराया जायेगा. साथ ही पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रभाग रचना चाहे कैसी भी हो काम करनेवाले प्रत्याशी को चुनाव लडने में कोई दिक्कत नहीं आती और अच्छा काम करनेवाले प्रत्याशी की जीत होती है.

प्रभाग रचना से हमें कोई विशेष फर्क नहीं
भाजपा के शहर जिलाध्यक्ष डॉ. नितिन धांडे ने मौजूदा प्रारूप रचना को 80 से 90 फीसदी पिछली प्रभाग रचना की तरह बताते हुए कहा कि पुरानी प्रभाग रचना में प्रशासन द्बारा 10 से 20 फीसद बदलाव किया गया है. जिसका अध्ययन किया जा रहा है और यदि कुछ बदलाव में किसी तरह की कोई त्रृटि या खामी पायी जाती है, तो उसे लेकर आपत्ति दर्ज कराने के बारे में विचार किया जायेगा. इसके साथ ही भाजपा शहराध्यक्ष डॉ. नितिन धांडे का यह भी कहना रहा कि प्रभाग रचना चाहे किसी भी तरह की हो उससे भाजपा पर कोई विशेष फर्क नहीं पडनेवाला है. क्योंकि भाजपा संगठनात्मक रूप से एक मजबूत पार्टी है और पार्टी के बाद बूथ लेवल पर काम करनेवाले कार्यकर्ता है, जो जिला पालकमंत्री व मुख्यमंत्री सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के मार्गदर्शन में काम करने के लिए पूरी तरह से समर्पित व तैयार है. साथ ही पार्टी की मुख्य कार्यकारिणी सहित विभिन्न मोर्चो, आघाडियों व सेल की कार्यकारिणीयों को भी सर्व समावेशक रखा गया है. जिसका पार्टी को मनपा को आगामी चुनाव में पूरी तरह से फायदा मिलेगा.
बॉक्स, फोटो- संध्या टिकले
कुछ और प्रभागों में बदलाव होने जरूरी थे
पांच बार मनपा में पार्षद निर्वाचित हो चुके तथा एक बार उप महापौर भी रह चुकी संध्या टिकले के मुताबिक मौजूदा प्रारूप रचना को पिछली प्रभाग रचना की तरह लगभग जस का तस रखा गया है और मात्र एक- दो प्रभागों में ही थोडे बहुत बदलाव किए गये है. जबकि आगामी चुनाव के लिए प्रभाग रचना में और भी कुछ अधिक बदलाव होने चाहिए थे. पूर्व उप महापौर संध्या टिकले के मुताबिक वर्ष 2017 में हुए मनपा चुनाव के बाद पार्षदों को मात्र ढाई वर्ष भी काम करने का मौका मिला था. क्योंकि मार्च 2020 से कोविड संक्रमण व लाकडाउन का दौर शुरू हो गया था. जिसके बाद वर्ष 2022 में मनपा के सदन का कार्यकाल ही खत्म हो गया और अब करीब 4 वर्षो से मनपा में कोई भी पार्षद नहीं है. यानी कुछ चुनिंदा व सक्रिय पूर्व पार्षदों के अलावा शेष सभी पूर्व पार्षदों एवं चुनाव लडने के इच्छुकों का अपने- अपने प्रभागों में विगत करीब 5-6 वर्षो से कोई विशेष जन संपर्क नहीं है. ऐसे में सभी को नये सिरे से शुरूआत करनी होगी. जिसके चलते यदि पुरानी प्रभाग रचना को जस का तस रखने की बजाय कुछ बडे बदलावों के साथ नई प्रारूप रचना तैयार की गई होती, तो ज्यादा बेहतर रहा होता.

मनसे को प्रारूप रचना से कोई नुकसान नहीं
मनसे के वरिष्ठ नेता मंगेश उर्फ पप्पू पाटिल के मुताबिक नई प्रारूप रचना लगभग पुरानी प्रभाग रचना की तरह है. जिससे भाजपा व कांग्रेस को थोडा बहुत फायदा या नुकसान हो सकता है. लेकिन मनसे सहित अन्य छोटे दलों को एक नई प्रारूप प्रभाग रचना से कोई खतरा या नुकसान नहीं होनेवाला. साथ ही सभी छोटे दलों द्बारा अपने लिए सुविधाजनक व मुफीद रहनेवाले प्रभागों में पूरी ताकत के साथ अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारते हुए चुनाव लडा जायेगा.

अगर प्रत्याशी सक्षम है, तो प्रभाग रचना से फर्क नहीं
उर्दू एज्युकेशन सोसायटी के अध्यक्ष व पूर्व पार्षद आसिफ हुसैन के मुताबिक मनपा के आगामी चुनाव हेतु प्रभाग रचना का प्रारूप काफी अच्छे तरीके से बनाया गया है. जिसे लेकर किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. क्योंकि यदि प्रत्याशी काम करने के लिहाज से सक्षम है, तो वह किसी भी तरह के प्रभाग से चुनाव लड भी सकता है और चुनाव में जीत भी सकता है.

सत्ताधारियों ने अपने हिसाब से बनवाई प्रारूप रचना
शिवसेना उबाठा के महानगर प्रमुख पराग गुडधे के मुताबिक सत्ताधारियों ने अपने हिसाब से प्रभाग रचना का प्रारूप तैयार करवाया है. इस प्रारूप प्रभाग रचना मेें कई जगहों पर गडबडियां साफ तौर पर दिखाई दे रही है. जिन्हें देखते हुए कहा जा सकता है कि, कुछ दिग्गज दावेदारों को चुनाव में पराजित करने हेतु उनके प्रभागों में बडे पैमाने पर कांटछांट की गई है. यह अब तक का प्राथमिक आकलन है. साथ ही विस्तृत अध्ययन के बाद इस प्रारूप रचना में रहनेवाली त्रृटियों को लेकर आपत्तियां दर्ज कराई जायेगी.





