यह कैसी पॉलिसी, विधायक खोडके ने उठाया सवाल
रेमंड को 500 एकड जमीन दी, प्रकल्प केवल 38 एकड में ?

अमरावती/ दि. 27- विधान परिषद के सदस्य और राकांपा के वरिष्ठ नेता संजय खोडके ने प्रदेश की औद्योगिक बोर्ड की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि छोटे प्रकल्पों को जमीन आवंटित करने में आना- काना की जाती है अथवा उन्हें आवंटित जमीन पर नियत वर्षो में प्रकल्प शुरू नहीं हुआ तो नोटिस थमाया जाता है. जबकि अमरावती में ही टैक्सटाइल पार्क में बडे उद्योग समूह रेमंड को 20 वर्षो से 500 एकड जमीन दे रखी है. वह केवल 38 एकड में प्रकल्प लगाए हुए हैंं. बाकी जमीन यूं ही घेर रखी गई है. ऐसी नीतियों पर पुनर्विचार के लिए वे सोमवार से शुरू हो रहे विधानमंडल के पावस सत्र में न केवल विषय उठायेंगे. अपितु इस बारे में संबंधित विभागों की बैठक आहूत करने कहेंगे.
एमएलसी खोडके आज पूर्वान्ह सातुर्णा साई रिजेंसी स्थित सीए भवन में एमएसएमई उत्सव के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे. खोडके इस समय बडे फार्म में दिखाई पडे. उन्होंने उपस्थित प्रोफेशनल्स औार उद्यमियों को क्षेत्र के औद्योगिक पिछडापन को दूर करने के लिए अपने ुुसुझाव लेकर आने का आवाहन किया. खोडके ने कई महत्वपूर्ण बातें कही और यह भी कहा कि अमरावती संभाग उद्योगों के मामले में प्रदेश में सबसे पीछे हैं. ऐसे में वे अब उच्च सदन के प्रतिनिधि बने है तो अगले 5 वर्षो में उन्हें काफी कुछ करना है. इसके लिए वे उद्यमियों, कर सलाहाकारों, समाज के विविध क्षेत्र के जानकारों और विशेषज्ञों से सुझाव लेना चाहेंगे. खोडके ने मध्यम और लघु उद्योग को बढावा देने सरकार के प्रयासों की तो सराहना की. साथ ही यह भी कहा कि क्षेत्र के उद्यमियों और जनप्रतिनिधि तथा अधिकारियों का भी इसमें दायित्व हैं. उन्होंने उसमें उदाहरण देकर बताया कि पीएम मित्र टेक्सटाइल पार्क में भी उद्योग मंत्री द्बारा जमीन के रेट कम करने की घोषणा का जीआर अब तक नहीं पहुंचा है. उसी प्रकार केन्द्र शासन द्बारा सुविधाओं के लिए फंड उपलब्ध नहीं करवाया गया. ऐसे में राज्य शासन ने तत्काल 100 करोड रूपए जारी किए हैं. विधायक संजय खोडके ने कहा कि पीएम मित्र प्रकल्प के लिए अच्छे उद्योग समूह को आकर्षित करने के लिए शासन को कदम उठाना चाहिए. उन्होंने इसके लिए एजेंसी नियुक्त करने का आवाहन किया. सीए संस्थान के इस कार्यक्रम में मंच पर एमआयडीसी के क्षेत्रीय अधिकारी राम लंके, बैंक ऑफ महाराष्ट्र के क्षेत्रीय प्रबंधक महेश डांगे, एमएसएमई नीति के विशेषज्ञ सीए अमित सुराना, सीए अमरावती शाखा अध्यक्षा दिव्या त्रिकोटी, उपाध्यक्ष सीए अर्पित काबरा, सचिव सीए संदीप सुराना, पदाधिकारी सीए हर्ष शर्मा आदि विराजमान थे.
विधायक खोडके ने खुलकर उद्यमों को बढावा देने के बारे में तो कहा ही. साथ ही नदी जोड परियोजना को लेकर भी राय व्यक्त की. उन्होंने कहा कि अभी तक पानी का आरक्षण अमरावती विभाग के जिलों ने नहीं किया है. जबकि यह अति शीघ्र करना आवश्यक है. दरअसल नदी जोड प्रकल्प अमरावती संभाग के भले के लिए ही साकार होने जा रहा है. यहां का सिंचाई बैकलॉग दूर करना इसका प्रमुख उद्देश्य है. उन्होंने अधिकारियों और उद्यमियों से पानी आरक्षण हेतु तत्काल पहल करने का आवाहन किया. संजय खोडके ने कहा कि पानी रहेगा तो ही अगले 10-20 वर्षो में बडे उद्योग संभाग की ओर आकर्षित होंगे. उन्होंने इंडिया बुल्स का उदाहरण दिया.् जो अमरावती में उपलब्ध भरपूर पानी के कारण डेढ दशक पहले यहां आया. विधायक खोडके के संबोधन से सभागार बडा प्रभावित दिखाई दिया. सीए भवन के दूसरे माले पर स्थित आडिटोरियम खचाखच भरा था. हाल के वर्षो में पहलीबार वहां अतिरिक्त कुर्सियां लगानी पडी थी.





