क्या जमाना आ गया है, भ्रष्टाचारी नेता और अपने ही पति की इज्जत उछालनेवाली दूसरों के वारिस तय कर रहे
प्रकाश महाजन ने छगन भुजबल व करुणा मुंडे पर साधा निशाना

छ. संभाजी नगर/दि.23 – महाराष्ट्र के राजनीति में दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे के राजनीतिक वारिस को लेकर अब बड़ा विवाद छिड़ गया है. राज्य के अन्न और नागरी आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने हाल ही में ओबीसी एल्गार महासभा में विधायक धनंजय मुंडे को गोपीनाथ मुंडे का राजनीतिक वारिस कहा. इस बयान के बाद मुंडे-भुजबल परिवार में खींचतान बढ़ गई है.
बता दें कि, इससे पहले धनंजय मुंडे की आलोचना करने वाली करुणा मुंडे शर्मा ने भुजबल के बयान पर हैरानी जताई और धनंजय मुंडे की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि, छगन भुजबल ने 100 प्रतिशत सही कहा. राजनीति में पेट का नहीं, बल्कि विचारों का वारिस होता है, और धनंजय मुंडे ने इसे साबित किया है. जिसके बाद गोपीनाथ मुंडे के साले और पंकजा मुंडे के मामा प्रकाश महाजन ने करुणा मुंडे शर्मा और धनंजय मुंडे पर अप्रत्यक्ष निशाना साधा. जिसके तहत उन्होंने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा कि, क्या जमाना आ गया. स्वर्गीय मुंडे साहेब का वारिस कौन तय कर रहा है, एक भ्रष्टाचारी नेता और दूसरी ऐसी महिला, जो रोज सुबह उठकर अपने सुहाग की इज्जत को पूरी दुनिया के सामने उछालती है. महाजन ने साफ तौर पर कहा कि गोपीनाथ मुंडे का सामाजिक और राजनीतिक वारिस केवल पंकजा मुंडे में ही सक्षम है. साथ ही उन्होंने छगन भुजबल पर तीखा प्रहार करते हुए सवाल दागा कि, यदि हम लोग हम समीर भुजबल को छगन भुजबल का वारिस कहना शुरु करे, तो यह छगन भुजबल को चलेगा क्या.
इसके साथ ही प्रकाश महाजन ने अपनी भानजी पंकजा मुंडे का पक्ष लेते हुए कहा कि, पंकजा को राजनीतिक विरासत जन्म से नहीं मिली, बल्कि राजनीति के क्षेत्र में अपनी जगह बनाने के लिए पंकजा को काफी संघर्ष करना पडा और वह आज भी संघर्ष कर रही है. इसके साथ ही प्रकाश महाजन ने यह भी कहा कि पंकजा को पार्टी की बंधनों का पालन करना पड़ता है, फिर भी वह ओबीसी के अधिकारों के लिए लड़ रही हैं. ऐसे में पंकजा को मिली विरासत कांटों से भरे ताज की तरह है.





