विधि प्राध्यापक भरती हेतु क्या किया ?

हाईकोर्ट का विदर्भ की विवि से सवाल

नागपुर/ दि. 9 – बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने विदर्भ की दोनों प्रमुख विद्यापीठ नागपुर और अमरावती से विधि महाविद्यालयों के प्राध्यापकों की भर्ती के बारे में क्या कदम उठाए, यह सवाल किया है. इस बारे में अशोक करंजीकर की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अनिल किलोर और न्यायमूर्ति रजनीश व्यास ने दोनों विद्यापीठो ेको अगले दो सप्ताह में उत्तर देने, जानकारी देने कहा है.
करंजीकर की याचिका में विदर्भ की लॉ कॉलेजेस के प्राध्यापकों के रिक्त पदों का मुद्दा उठाया गया. उन्होंने आंकडे देते हुए बताया कि महाविद्यालय मिलाकर 2020- 21 में 57 प्राध्यापक कार्यरत थे. अब पीरेड आधार पर 38 प्राध्यापक विजिटिंग फैकल्टी के नाम पर पढा रहे हैं. जिससे विद्यार्थियों का बडा नुकसान हो रहा है. याचिका में उक्त आशय का आरोप करते हुए यह भी दावा किया गया कि नागपुर विद्यापीठ अंतर्गत विधि महाविद्यालय में केवल 6 स्थायी प्राध्यापक कार्यरत है. याचिका में कहा गया कि विद्यापीठ से कई बार पत्राचार किया गया. किंतु विद्यापीठ ने शासन से इस बारे में क्या पत्राचार किया है, इसकी जानकारी सामने नहीं आयी है.

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