हाडमास का कार्यकर्ता जब खडा होता है तो रचता है इतिहास- बच्चू कडू
बच्चू कडू की सभा में नयना कडू भी गरजी

* बाईक रैली को मिला भारी प्रतिसाद
परतवाडा/दि.20– जब हाडमास का कार्यकर्ता खडा होता है तो इतिहास बनाता है. इस तरह का संबोधन विधायक बच्चू कडू ने चुनाव प्रचार के अंतिम दिन बाईक रैली के समापन अवसर पर करते किया. विधानसभा चुनाव के प्रचार के अंतिम दिन प्रहार जनशक्ति पार्टी के संस्थापक विधायक बच्चू कडू व्दारा भव्य बाइक रैली निकालकर विरोधियों पर धावा बोला. चांदूरबाजार में शुरू हुई बाईक रैली का समापन अचलपुर के गांधी पुतला के पास जाहिर सभा में हुई. इस समय नयना कडू ने कहा कि अचलपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में विगत बीस वर्षो से सत्ता में रहने वाले विधायक बच्चू कडू यह अब पांचवी बार भी आप सभी मतदाताओं के आशिर्वाद से विधायक बनेंगे.
अपने संबोधन में बच्चू कडू ने कहा कि आज की इस विराट सभा ने दिखा दिया कि बच्चू कडू की असली ताकत क्या है. बच्चू कडू की असली ताकत जनसमान्य जनता है. यह लडाई हिंदू-मुस्लिम की नहीं यह लडाई हक की है. बच्चू कडू पूरे महाराष्ट्र में अपने उम्मीदवारों का प्रचार के लिए घुमते रहने के बावजूद अचलपुर निर्वाचन क्षेत्र में मेरे प्रामाणिक कार्यकर्ता ने गांव-खेडों में जाकर मेरा प्रचार किया. महाराष्ट्र में बटेंगे तो कटेंगे यह नहीं चलने वाला. हम हिंदुस्तानियों को जोडने निकले है. न कि तोडने. बच्चू कडू 23 तारीख को सरकार बनाने के लिए निकलने वाले है. ऐसा विश्वास विधायक कडू ने अपनी जाहिर सभा में बोलते हुए लगाया.
सभी विषैले सांपो के दांत तोडने का काम मेरे गारोडी ने किया
इस समय अपने संबोधन में बोलते हुए विधायक कडू की पत्नी नयना कडू ने कहा कि आप बच्चू कडू को गारोडी कहते है तो हम गारोडी ही है. हमारे जैसै गारोडी होकर दिखाए. विधायक कडू 12 महिने 365 दिन जनता की सेवा में रहते है. आप को बीस वर्ष में आज दूसरा शब्द समझ नहीं आया. इस गारोडी ने पूरे विषैले सांपो के दांत छाटने का काम किया है, यह भूलने लायक काम नहीं है. किसी भी ऐरे-गैरे, नत्थू खैरे ने बच्चू कडू पर टीका किया तो यह निर्वाचन क्षेत्र की जनता को नहीं जमने वाला. 20 तारीख को जनता विरोधियों को उत्तर देने के सिवा नहीं रहेंगी. हिंदू धर्म की सही व्याख्या अगर पहचाननी है तो राजे शिवछत्रपति महाराज के इतिहास को पढे. उस इतिहास में तुम्हे सही अर्थ में हिंदू धर्म की सीख क्या है, यह समझ आ जाएगा. जाती-जाती में तनाव निर्माण कर वोट नहीं मिल सकता. यह सुसंस्कृत महाराष्ट्र है. यहां विचारों को महत्व है. नयना कडू ने बोलते हुए खुले तौर पर राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल बोंडे को चुनौती दी और कहा कि चुनाव की भाग-दौड खत्म होने के बाद मेरे कुरड के घर में आओ और एक बार फार्म हाऊस देख लो. यहां रोज सुबह 200 से 300 दिव्यांग, किसान बंधु अपनी समस्या लेकर आते है और उनकी समस्या को दूर करने का काम बच्चू कडू नाम का एक व्यक्ति यहां हमेशा उपलब्ध रहता है. वे (डॉ. बोंडे) खुद भी अपनी खुली आंखो से यह सब देख सकते है. नयना कडू के भाषण के समय निर्वाचन क्षेत्र के अनेक मतदाताओं के आंखो से आंसू छलक रहे थे.





