खेत और जंगल के किडे शहर में कहां से आए?

किडों का संपर्क होते ही त्वचा पर खुजली, काटने पर आते है फंगल

अमरावती /दि.24 – गर्मी और बरसात मौसम की मार के चलते, शहर में जगह-जगह अचानक सफेद और काले रंग के इल्लियों जैसे कीड़ों का झुंड देखा जा रहा है. ये कीड़े घरों की दीवारों, पेड़ों, सड़कों और झाड़ियों पर व्यापक रूप से फैल गए हैं. इन कीड़ों के संपर्क में आने से त्वचा पर खुजली होने लगती है, क्योंकि इनके शरीर पर लगे कांटे त्वचा से चिपक जाते हैं और खुजली पैदा करते हैं.
अपना जीवन चक्र पूरा करने के लिए, कृषि और जंगलों से कीड़े मौसम के आधार पर घरों या सड़कों के आसपास आते हैं. विशेष रूप से, कैटरपिलर जैसे कीड़े जंगलों और खेतों में गुणा करते हैं और आस-पास के क्षेत्रों में आते हैं. छोटे बच्चे उन कीड़ों से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं जो लगातार नागरिकों के घरों में घूमते रहते हैं. इससे छोटे बच्चों की त्वचा पर चकत्ते और खुजली हो रही है. इन कीड़ों से बचाव के तरीके की जानकारी के अभाव के कारण समस्या बढ़ रही है. गर्म और बरसात के मौसम के कारण, कई शहरों में, सफेद या काले रंग के कैटरपिलर जैसे कीड़े वर्तमान में घरों, दीवारों पर पाए जाते हैं, और जब आर्द्रता अधिक होती है और तापमान कम होता है, तो इन कीड़ों का प्रादूर्भाव अधिक होता है.

* ये विभिन्न कीड़े मनुष्य की बस्ती में!
ये इल्लियां मानव बस्तियों में भी पनपती हैं. ये खास तौर पर शहर के हरे-भरे इलाकों में पाई जाती हैं. ये घरों और दीवारों में घुसकर पेड़ों पर घोंसला बनाती हैं. बरसात और गर्मी के मौसम के कारण, ये कीड़े अब मनुष्य की बस्तियों में भी दिखाई देने लगे हैं.

* लोग उत्सुक और भयभीत
लोग स़फेद और काले रंग के इल्लियों को लेकर उत्सुक रहते हैं. कुछ कीड़े बड़े होने पर बारिश या तापमान का संकेत देते हैं. इसीलिए भी उनके बारे में उत्सुकता होती है. हालांकि, डर भी होता है क्योंकि उनके कांटेदार बाल खुजली पैदा करते हैं.

* सावधानी कैेसी बरते?
अगर कीड़ों की संख्या बहुत ज़्यादा हो, तो कीटनाशकों का छिड़काव किया जा सकता है. पेड़ों पर रखे पतंगों के अंडों को नष्ट किया जा सकता है. घर की दीवारों पर बने घोंसलों को भी नष्ट किया जा सकता है. अगर यह संभव न हो, तो इन कीड़ों से दूर रहने की कोशिश करें.

* छूने पर शरीर में खुजली होती है
इन कीड़ों को छूने से त्वचा पर तेज़ खुजली होती है, जिससे बहुत असुविधा होती है. इनके शरीर पर लगे डंक त्वचा पर चिपक जाते हैं और तेज़ी से खुजली और निशान पैदा कर सकते हैं. इसलिए सावधानी बरतनी चाहिए.

*मौसम का परिणाम या अधिवास बदला?
इन कीटों की वृद्धि का कारण आर्द्रता है. जब आर्द्रता बढ़ती है और तापमान घटता है, तो प्रजनन क्षमता बढ़ जाती है. आर्द्र वातावरण में इनका प्रजनन दोगुना हो जाता है. ये नर्सरी में भी रहते हैं.

* ज्यादा नमी और कम तापमान से खतरा कम
कीट के शरीर पर लगे डंक त्वचा पर चिपक जाते हैं, जिससे खुजली और लाल दाने हो जाते हैं. अगर नमी ज़्यादा और तापमान कम हो, या कीट का प्रकोप बढ़ जाए, तो इससे कोई ख़तरा नहीं है.
– प्रवीण राऊत, पर्यावरणतज्ञ

 

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