आखिर अचानक भाजपा नेता तुषार भारतीय के घर क्यों पहुंचे सीएम फडणवीस?

दौड़ते भागते दौरे के बीच सदिच्छा भेट हेतु क्यों निकाला समय

* मनपा चुनाव से ऐन पहले क्यों पड़ी सदिच्छा भेंट की जरूरत
* फडणवीस की भारतीय के घर पहुंचने को लेकर चर्चाओं का दौर तेज
* मनपा चुनाव की राजनीति को लेकर जमकर लगाये जा रहे कयास
* गत रोज एकदिवसीय दौरे पर अमरावती पहुंचे थे सीएम फडणवीस
* तीन कार्यक्रमों में हिस्सा लेना था तय, अचानक ही पहुंचे थे भारतीय के घर पर
अमरावती /दि.29 – मनपा चुनाव से ऐन पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का भाजपा नेता तुषार भारतीय के घर अचानक पहुंचना राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है. दौड़ते-भागते एकदिवसीय अमरावती दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने सदिच्छा भेंट के लिए अलग से समय निकाला, जिसे लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. मनपा चुनाव की घोषणा हो चुकी है और सभी दल चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देने में जुटे हैं. ऐसे समय में मुख्यमंत्री का किसी स्थानीय भाजपा नेता के घर जाना सामान्य शिष्टाचार से कहीं आगे माना जा रहा है. राजनीतिक जानकार इसे अमरावती मनपा चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं. भाजपा और शिवसेना के बीच अमरावती में युति टूटने, टिकट वितरण को लेकर असंतोष और अंदरूनी गुटबाजी की चर्चाओं के बीच यह सदिच्छा भेंट कई संकेत दे रही है. माना जा रहा है कि चुनावी समीकरण, स्थानीय नेतृत्व की भूमिका और संगठनात्मक संतुलन को लेकर भी चर्चा हुई हो सकती है.
गत रोज मुख्यमंत्री फडणवीस अमरावती के एकदिवसीय दौरे पर थे. उनके कार्यक्रम में तीन आधिकारिक आयोजनों में शिरकत तय थी, लेकिन इसके बीच अचानक वे भाजपा नेता तुषार भारतीय के निवास पहुंचे. यह भेंट पूर्व निर्धारित कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बताई जा रही है, जिससे राजनीतिक हलकों में सवाल खड़े हो गए हैं. हालांकि इस मुलाकात को लेकर आधिकारिक तौर पर कोई बयान सामने नहीं आया है, लेकिन मुख्यमंत्री फडणवीस के तुषार भारतीय के घर पहुंचने के बाद शहर की राजनीति में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है. मनपा चुनाव की राजनीति को लेकर अब तरह-तरह के अनुमान लगाए जा रहे हैं कि आखिर इस भेंट के पीछे असली वजह क्या थी. मनपा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का भाजपा नेता तुषार भारतीय के घर अचानक पहुंचना महज़ शिष्टाचार नहीं, बल्कि सोची-समझी राजनीतिक चाल मानी जा रही है. एकदिवसीय दौरे में तय तीन कार्यक्रमों के बीच मुख्यमंत्री का अचानक रास्ता बदलकर भारतीय के निवास जाना, भाजपा की आंतरिक राजनीति और आगामी चुनावी रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जब मुख्यमंत्री का हर मिनट चुनावी गणित से जुड़ा हो, तब दौड़ते-भागते दौरे में किसी नेता के घर रुकना साधारण घटना नहीं होती. खासतौर पर तब, जब अमरावती में भाजपा-शिवसेना की युति टूट चुकी हो और टिकट वितरण को लेकर असंतोष की सुगबुगाहट तेज़ हो.
* क्यों अहम मानी जा रही है यह भेंट?
तुषार भारतीय को संगठन में प्रभावशाली स्थानीय चेहरा माना जाता है. ऐसे में फडणवीस का उनके घर पहुंचना सीधे तौर पर यह संकेत देता है कि भाजपा स्थानीय समीकरणों को हल्के में लेने के मूड में नहीं है. पार्टी नेतृत्व यह संदेश देना चाहता है कि मनपा चुनाव में निर्णय दिल्ली या मुंबई से नहीं, बल्कि ज़मीनी हालात को देखकर लिए जाएंगे.
* युति टूटने के बाद नया सियासी संतुलन
अमरावती में शिवसेना से अलग होकर चुनाव लड़ने का फैसला भाजपा के लिए चुनौती भी है और अवसर भी. ऐसे में मजबूत स्थानीय नेताओं को साधना, संभावित नाराज़गी को थामना और गुटबाज़ी पर लगाम लगाना ज़रूरी हो गया है. फडणवीस की यह सदिच्छा भेंट, अंदरूनी असंतोष को शांत करने और संगठन को एकजुट रखने की कवायद मानी जा रही है.
* टिकट और नेतृत्व को लेकर संदेश?
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि यह मुलाकात टिकट वितरण और भविष्य के नेतृत्व संकेतों से भी जुड़ी हो सकती है. यह संदेश भी माना जा रहा है कि पार्टी हाईकमान स्थानीय नेतृत्व की अनदेखी नहीं करेगा और जिन नेताओं की पकड़ ज़मीनी स्तर पर मजबूत है, उन्हें चुनावी रणनीति में अहम भूमिका मिलेगी.
* साधारण भेंट नहीं, चुनावी संकेत
भले ही इसे औपचारिक तौर पर सदिच्छा भेंट कहा जा रहा हो, लेकिन मनपा चुनाव की सरगर्मी के बीच मुख्यमंत्री का यह कदम कई राजनीतिक संकेत छोड़ गया है. साफ़ है कि अमरावती में भाजपा कोई भी जोखिम लेने के मूड में नहीं है और हर मोर्चे पर संतुलन साधने की रणनीति पर काम कर रही है.

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