अपने ही पालकमंत्री के खिलाफ फर्जी नैरेटिव रचने वाले विधायक की चापलूसी क्यों?

कांग्रेस का नेहरू मैदान प्रकरण में भाजपा पर पलटवार

* नेहरु मैदान को लेकर जमकर तपी हुई है शहर की राजनीति
अमरावती/दि.16 – अमरावती शहर के बीचोबीच स्थित नेहरू मैदान पर बहुमंज़िला शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और मनपा भवन बनाने के प्रस्ताव को लेकर शुरू हुए विवाद के बीच अब राजनीतिक घमासान तेज हो गया है. कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि विधायक खोडके दंपती ने भाजपा से वास्ता रखनेवाले जिला पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के खिलाफ झूठा नैरेटिव तैयार किया और कमाल की बात है कि, भाजपा के ही कुछ नेता अब उनकी यानि खोडके दंपति की चापलुसी व जी-हुजूरगिरी कर रहे हैं, जो बेहद शर्मनाक होने के साथ ही समझ से परे है.
बता दें कि, विगत 10 अक्तूबर को अजीत पवार गुट वाली राकांपा से वास्ता रखनेवाले विधायक संजय खोडके और विधायक सुलभा खोडके ने मनपा आयुक्त के साथ बैठक में नेहरू मैदान पर बहुमंज़िला प्रशासकीय भवन और उसके निचले तल पर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाने का प्रस्ताव रखा था. यह बात जब मीडिया के जरिए सामने आई, तो शहरभर में विरोध शुरू हो गया तथा कांग्रेस सहित भाजपा सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने भी इस प्रस्ताव का विरोध किया. विवाद बढ़ने पर खोडके दंपती ने सफाई दी कि यह प्रस्ताव पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के निर्देश पर बनाया गया था. लेकिन दो दिन बाद स्वयं पालकमंत्री बावनकुले ने स्पष्ट कहा कि उन्होंने नेहरू मैदान पर किसी भी प्रकार का कॉम्प्लेक्स या भवन बनाने का निर्देश नहीं दिया है. इस विरोधाभास से नागरिकों में भ्रम की स्थिति बनी. ऐसे में कांग्रेस ने 14 अक्तूबर को पत्रकार परिषद लेकर सवाल उठाया कि पालकमंत्री या विधायक खोडके दंपति में से आखिर सच कौन बोल रहा है.
इसी बीच महायुति सरकार व भाजपा के समर्थन में रहनेवाले बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक रवि राणा ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा था कि, पालकमंत्री ने ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया, बल्कि खोडके दंपती ने झूठ फैलाया है. विधायक राणा के बयान के बाद स्थिति स्पष्ट हो गई और सोशल मीडिया पर भी खोडके दंपती की फेक नैरेटिव नीति को लेकर एक के बाद एक पोस्ट वायरल होने लगी. जिसके बाद 15 अक्तूबर को कुछ भाजपा नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर कांग्रेस पर आरोप लगाए थे. जिस पर पलटवार करते हुए कांग्रेस की ओर से कहा गया कि, पालकमंत्री का बचाव करने के बजाय झूठ बोलने वाले विधायक की चापलूसी करना भाजपा की मजबूरी बन चुकी है. कांग्रेस ने यह सवाल भी उठाया कि, पिछले 9 वर्षों से नगर निगम से लेकर दिल्ली तक भाजपा का शासन है, फिर भी कचरा माफिया और भूमाफिया पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई. मनपा की जमीनों पर अवैध कब्जे करने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई. भ्रष्ट ठेकेदारों को बार-बार समयवृद्धि क्यों दी जा रही है. जब भाजपा पारदर्शिता की बात करती है तो इडी या सीबीआई से जांच इन मामलों में क्यों नहीं कराई जाती. इसके साथ ही कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि यदि नेहरू मैदान जैसी सार्वजनिक संपत्ति पर कोई अवैध निर्माण या वाणिज्यिक प्रकल्प आगे बढ़ाने का प्रयास किया गया, तो जन आंदोलन छेड़ा जाएगा.
इसके साथ ही कांग्रेस के शहराध्यक्ष बबलू शेखावत, पूर्व महापौर विलास इंगोले, मिलिंद चिमोटे व अशोक डोंगरे, पूर्व स्थायी सभापति बालासाहेब भुयार एवं कांग्रेस के प्रदेश महासचिव किशोर बोरकर ने यह भी कहा कि, नेहरु मैदान पर प्रस्तावित प्रशासकीय इमारत व शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण खुद भाजपा का ही छुपा एजेंडा था, जिसका भंडाफोड हो जाने के चलते भाजपा के पदाधिकारी अब निराश हो गए है. ऐसे में उन्हें आत्मचिंतन करने की जरुरत है. साथ ही यदि भाजपा द्वारा शहरवासियों को कचरा माफिया के चंगूल से मुक्त करने हेतु कोई कदम नहीं उठाया गया, तो कांग्रेस पार्टी द्वारा तीव्र जनआंदोलन शुरु किया जाएगा.

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