‘उस’ पोस्टर को लेकर क्यों मचा है इतना हंगामा
जमाते इस्लामी हिंद की अनुमति को लेकर बना संभ्रम

*आईआईसी के पोस्टर हेतु गाडगे नगर पुलिस से मांगी गई थी अनुमति
* गाडगे नगर पुलिस ने मनपा से अनुमति लेने का दिया था अभिप्राय
* मनपा से अनुमति मिलने या मांगने की अब तक सामने नहीं आई कोई भी जानकारी
अमरावती/दि.14- स्थानीय गाडगे नगर पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत पंचवटी चौराहे पर ‘आईआईसी महाराष्ट्र’ नामक एक गुमनाम से संगठन द्बारा लगाए गए होर्डिंग को लेकर विगत दो दिनों से अमरावती शहर में अच्छा खासा हंगामा मचा हुआ हैं और भाजपा सहित हिंदुत्ववादी संगठनों ने इसे धर्मांतरण का प्रयास बताते हुए होर्डिंग लगानेवाले संगठन व उससे संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग उठाई हैं. वहीं इस बीच जमाते इस्लामी हिंद की अमरावती शाखा के अध्यक्ष रफीक खान द्बारा गाडगे नगर पुलिस थाने को दिया गया एक पत्र सामने आया है. जिसमें रफीक खान ने पुलिस से पंचवटी चौराहे पर स्थित होर्डिंग पर उक्त पोस्टर लगाने की अनुमति मांगी थी. परंतु गाडगे नगर पुलिस ने अनुमति देने की बजाय इस हेतु अमरावती मनपा से अनुमति लेने का अभीप्राय लिखकर दिया था. लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि रफीक खान द्बारा मनपा से अनुमिती ली गई थी या नही जिसके चलते उस पोस्टर की अनुमति व वैधता को लेकर संभ्रम बना हुआ है.
बता दे कि जमाते इस्लामी हिंद की अमरावती शाखा द्बारा विगत 8 नवंबर को गाडगे पुलिस स्टेशन में पत्र सौंपते हुए अमरावती शहर में एक स्थान पर इस्लामीक इन्फॉर्मेशन सेंटर यानी आईआईसी नामक संगठन की ओर से एक होर्डिंग पर अपना बैनर लगाने हेतु अनुमति मांगी गई थी. इस पत्र में कहा गया था कि वर्ष 2013 मेें शुरू हुए आईआईसी द्बारा इस्लाम धर्म के विषय में रहनेवाली गलतफहमियों व भ्रांतियों को दूर करते हुए आपसी सौहार्द बढाने का काम किया जाता हैं. साथ ही संगठन द्बारा इस्लाम धर्म के विषय में जानकारी देने हेतु राष्ट्रव्यापी स्तर पर एक टोल फ्री क्रमांक भी उपलब्ध कराया गया हैं. जिसके बारे में जानकारी देने के लिए उक्त पोस्टर लगाया जाना हैं. परंतु चुंकि यह विषय मनपा के बाजार परवाना विभाग के अंतर्गत आता हैं. गाडगे नगर पुलिस ने रफीक खान की ओर से दिए गए पत्र पर मनपा से अनुमति लेने का अभीप्राया लिख दिया. ऐसे मेें अब संशोधन का विषय है कि रफीक खान द्बारा यह पोस्टर लगाने के लिए मनपा से कोई अनुमति ली गई थी अथवा नहीं जिसके चलते पोस्टर की अनुमति और वैधता के बारे में फिलहाल संभ्रम बना हुआ हैं.
इसी बीच विगत 10 नवंबर को दिल्ली में लाल किले के पास सडक पर चलती कार में बम विस्फोट होने के साथ-साथ युपी के फलिदाबाद और गुजरात में आतंकी मॉड्यूल के पकडे जाने की घटनाएं सामने आयी थी और इसी दौरान शहर में किसी गुमनाम से संगठन की तरफ से धर्म विशेष को लेकर लगाया गया पोस्टर दिखाई दिया था. जिसे देखते ही भाजपा सहित कुछ हिंदुत्ववादी संगठनों ने इसे लेकर जबर्दस्त आपत्ति दर्ज कराते हुए शहर पुलिस आयुक्त से मुलाकात कर मामले की जांच करने और संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी.

हमने पुलिस और मनपा से मांगी थी अनुमति
इस पूरे मामले को लेकर जानकारी व प्रतिक्रिया हेतु संपर्क किए जाने पर जमाते इस्लामी हिंद की अमरावती शाखा के अध्यक्ष रफीक खान ने बताया कि उन्होंने पंचवटी चौराहे पर पोस्टर लगाने के लिए गाडगे नगर पुलिस को पत्र सौंपने के साथ ही मनपा को भी अनुमति मिलने हेतु पत्र सौंपा था. जिसके सबुत के तौर पर हाजी रफीक खान ने उनके द्बारा गाडगे नगर थाने को सौंपे गए पत्र की प्रतिलिपी तो पेश की, परंतु मनपा अथवा बाजार परवाना विभाग को दी गई प्रतिलिपी रफीक खान द्बारा यह कहते हुए नहीं दिखाई गई कि फिलहाल उस पत्र की कॉपी उनके पास नहीं हैं.
इस समय जब जमाते इस्लामी हिंद की अमरावती शाखा के अध्यक्ष रफीक खान से यह जानने का प्रयास किया गया कि आईआई सी द्बारा इस तरह के पोस्टर राज्य सहित देश के और किन किन शहरों में लगाए गए हैं तो रफीक खान ने बताया कि फिलहाल यह पोस्टर केवल अमरावती शहर में एक ही स्थान पर लगाया गया. यह पोस्टर लगाने हेतु केवल अमरावती शहर का ही चयन क्यों किया गया, इस सवाल का भी रफीक खान के पास कोई समाधानकारक जवाब नहीं था. बल्कि उनका कहना रहा कि जमाते इस्लामी व आईआईसी सम विचारी संगठन है और आईआईसी ने उन्हें अमरावती मेें उक्त पोस्टर लगाने हेतु कहा था. जिसके चलते उन्होंने इसके लिए पुलिस व मनपा प्रशासन से अनुमति मांगी थी.





