आखिर क्यों गिराया जाएगा पुराने रेलवे उडान पुल को
आरओबी की स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपोर्ट आई सामने

* रिपोर्ट में पुल को बताया गया है काफी हद तक जर्जर
* भारी वाहनों की आवाजाही के लिहाज से अब पुल है खतरनाक
अमरावती/दि.25 – विगत बुधवार की शाम अमरावती शहर पुलिस द्वारा राजकमल चौक से रेलवे स्टेशन व हमालपुरा की ओर आनेवाले रेलवे ओवर ब्रिज पर बैरिकेटिंग करते हुए इस रेलवे उडानपुल को सभी तरह के मालवाहक वाहनों के साथ-साथ सभी मध्यम व भारी वाहनों की आवाजाही के लिहाज से बंद कर दिया गया और ऐसे वाहनों को पर्यायी रास्तों का प्रयोग करने हेतु कहा गया. जिसके चलते यह चर्चा जोरों से शुरु हो गई कि, अब इस रेलवे उडान पुल को गिराकर उसके स्थान पर नए रेलवे उडान पुल का निर्माण किया जाएगा. जिसके लिए मुख्य वजह इस रेलवे उडान पुल की स्ट्रक्चरल ऑडिट की रिपोर्ट को बताया जा रहा है. जिसमें इस रेलवे उडान पुल को जर्जर व कमजोर बताया गया है. ऐसे में सभी में इस बात को लेकर उत्सुकता देखी जा रही है कि, आखिर इस रेलवे उडान पुल की स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपोर्ट में क्या कहा गया है. जिसके चलते दैनिक अमरावती मंडल ने इस ऑडिट रिपोर्ट को हासिल करते हुए उसका अध्ययन किया और उस ऑडिट रिपोर्ट की विस्तृत जानकारी दैनिक अमरावती मंडल के पाठकों हेतु यहां प्रस्तुत है.
अमरावती शहर के बीचोबीच राजकमल से हमालपुरा के बीच आवाजाही हेतु अमरावती रेलवे स्टेशन व अमरावती से बडनेरा की ओर जानेवाली रेलवे लाइन के उपर बनाए गए रेलवे ओवर ब्रिज की प्रारंभिक स्थिति मूल्यांकन रिपोर्ट की प्रस्तावना में कहा गया है कि, इस मूल्यांकन का उद्देश्य रेलवे ओवर ब्रिज और उससे जुड़े घटकों में हुई क्षति की गंभीरता का मूल्यांकन करना है, जिससे संभावित जानलेवा स्थिति उत्पन्न न हो. अतः यह रिपोर्ट संबंधित विभागों (जैसे – सार्वजनिक निर्माण विभाग, अमरावती एवं भारतीय रेलवे विभाग, अमरावती) को समय रहते उचित कार्रवाई करने के लिए सतर्क करती है. इस उद्देश्य हेतु पुल की विस्तृत और सघन जांच, परीक्षण और संरचनात्मक ऑडिट आवश्यक है.
इस रिपोर्ट में दृश्य निरीक्षण और एनडीटी परीक्षणों से प्रारंभिक निष्कर्ष निकाले गए है कि, पुल के नीचे के हिस्से में दिख रहा जंग यह दर्शाता है कि संरचनात्मक इस्पात गर्डरों और फ्लेक्सरल लोड-बेयरिंग हिस्सों में क्षरण हुआ है, जिससे पुल की मजबूती प्रभावित हो सकती है. पुल की सहायक संरचना के पास, जोड़ों के आसपास कंक्रीट में दरारें पाई गईं, जो यातायात भार से हुए तनाव को दर्शाती हैं. इस्पात हिस्सों में जंग देखी गई है, जो सेवा-जीवन को घटा सकती है. स्टील गर्डर और उसके जोड़ों में काफी जंग देखी गई है, जिससे पुल का वजन सहने की क्षमता कम हो गई है. पुल के डेक स्लैब में भी सतही दरारें देखी गईं. स्टील गर्डरों की सपोर्ट बेस प्लेट्स में घिसाव और क्षरण के संकेत हैं. पुल के नीचे का डेक भी थकान के लक्षण दिखा रहा है. सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु संरचनात्मक जोड़ों की विस्तृत जांच की सिफारिश की जाती है. पुल की निचली सतह में सहायक संरचना में दरारें और स्टील हिस्सों पर जंग के साथ गिरावट दिख रही है. यह चिंताजनक है क्योंकि इससे पुल की भार-वहन क्षमता और स्थिरता प्रभावित हो सकती है.
इसके साथ ही रेलवे ओवर ब्रिज के समग्र निरीक्षण पश्चात इस रिपोर्ट में यह टिप्पणी भी की गई है कि, रेलवे ओवर ब्रिज में प्रमुख संरचनात्मक क्षति दिख रही है, जैसे कि, स्टील गर्डरों में जंग, स्टील सुदृढीकरण का भारी क्षरण, डेक स्लैब में फ्लेक्सरल और शीयर क्रैकिंग, स्लैब में सीपेज और एबटमेंट में लीकेज आदि. अत: प्रारंभिक जांच में मिली क्षति की मात्रा को ध्यान में रखते हुए यह सिफारिश की जाती है कि इस रेलवे ओवर ब्रिज से भारी वाहनों का संचालन सीमित एवं बंद किया जाए, क्योंकि वर्तमान स्थिति में यह अपेक्षित भार सहन नहीं कर सकता और इससे अचानक पुल गिरने की संभावना हो सकती है. इसके साथ ही इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि, रेलवे ओवर ब्रिज की विस्तृत जांच और परीक्षण की आवश्यकता है, जिससे सटीक स्थिति का पता चल सके और भविष्य में और क्षति या दुर्घटना रोकी जा सके.
इस रिपोर्ट में स्ट्रक्चरल ऑडिटर की ओर से यह सिफारिश भी की गई है कि, इस रेलवे उडान पुल पर भारी ट्रैफिक को पूरी तरह रोका जाए ताकि अचानक गिरावट की संभावना को टाला जा सके. इस पुल को केवल हल्के वाहनों के लिए खोला जाए या विशेष वाहनों तक सीमित रखा जाए, जिससे कमजोर हुए हिस्सों पर भार कम पड़े. यह रिपोर्ट मैजिक कंस्ट्रक्शन एंड वीएसडी कंसल्टेंट्स की ओर से स्थापत्य संरचना विशेषज्ञ डॉ. एम. वी. मोहोड द्वारा तैयार की गई है.

* इन छायाचित्रों के जरिए समझा जा सकता है रिपोर्ट को
– पुल के निचले हिस्से में लगे स्ट्रक्चरल बीम व डेक पर काफी हद तक जंग लग गई है. जिसके चलते स्टील बीम व डेक कमजोर हो चुके है और उनकी भार वहन करने की क्षमता कम हो गई है.
– पुल के निचले हिस्से में पुल को आधार देने हेतु लगाए गए मेटल ट्रसेस में जंग लगने के साथ ही कांक्रीट वाले हिस्से में दरारे पड गई है. जिसके चलते इस पुल को जर्जर माना गया है.
– सपोर्ट पीलर में भी बडे पैमाने पर दरारे दिखाई दी है. साथ ही सपोर्ट पीलर में सहारे हेतु लगाए गए लोहे के हिस्से पर जंग लग चुकी है.
– पुल के निचले हिस्से में सीमेंट कांक्रीट वाले हिस्से में काफी अधिक दरारे दिखाई देने के साथ ही मेटर सेक्शन में पूरी तरह से जंग लगी हुई है. इससे पुल की मजबूती व भार वहन क्षमता पर सवालिया निशान लगे है.
– पुल को सहारा देने हेतु लगाए गए स्टील पार्ट पर लगी जंग को इस चित्र में साफ तौर पर देखा जा सकता है.
– पुल के निचले हिस्से व डेक में सीमेंट कांक्रीट वाले हिस्से के बीच पडी दरारे और लोहे में लगी जंग.
– पुल के निचले हिस्से से स्पष्ट दिखाई दे रही दरारे व लोहे के जंग लगे हिस्से.
– रेलवे ओवर ब्रिज के फ्रेम वर्क में जोड वाले स्थानों पर आई दरारे व मेटल सपोर्ट वाले हिस्से पर लगी जंग.





