मेगा स्ट्रक्चर निर्माण में नई तकनीक विश्वव्यापी व्याख्यान

मिलिंद दलाल का प्रेरक मार्गदर्शन

अमरावती/दि.29 -शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय, अमरावती के सिविल अभियांत्रिकी एवं अनुप्रयुक्त यांत्रिकी विभाग द्वारा ‘मेगा स्ट्रक्चर निर्माण में नई तकनीकें’ विषय पर एक विशेष ज्ञानवर्धक एवं विश्वव्यापी व्याख्यान का आयोजन किया गया. कार्यक्रम प्रवक्ता सीमेंस एनर्जी पोलैंड में परियोजना समन्वयक एवं अंतरराष्ट्रीय निर्माण विशेषज्ञ इंजीनियर मिलिंद दलाल थे. उन्होंने निर्माण प्रक्रिया में प्रयुक्त आधुनकि तकनीकों की गहन जानकारी दी तथा परियोजना समन्वय नेतृत्व क्षमता, गुणवत्ता प्रबंधन, व्यावयसयिक प्रक्रियाएं एवं उर्जा परियोजनाओं के कार्यान्वयन तकनीकाेंं आदि विषयों पर विस्तृत मार्गदर्शन दिया.
दलाल ने केवल रिलायंस इस्ट्रीज जामनगर में जेटी डिजाइनिंग दाभोल एलएनजी टर्मिनल (भारत), शेल हजीरा एलएनजी टर्मिनल (भारत) जैसी घरेलू परियोजना में अपने अपुभव साझा किए, बल्कि ईजी एलएनजी टर्मिनल (इकेटोरियल मिनी), पेरू एलएनजी टर्मिनल (दक्षिण अमेरिका), डीईडब्ल्यूए पावर प्रोजेक्ट (दुबई), टोटल पावर प्रोजेक्ट (फ्रांस), वेओलिया पावर प्रोजेक्ट (पोलैंड) जैसी अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं में अपनी महत्वपूर्ण भूमिकाओं, कार्यान्वयन प्रक्रियाओं और वैश्विक प्रथाओं को भी छात्रों को प्रभावी ढंग से बताया.
कार्यक्रम की अध्यक्षता सिविल ईजीनियरिंंग में एवं एप्लाइड मैकेनिक्स विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. सुचिता हिरदे मैडम ने की. प्रो.हेडाउ सर प्रो. खवाले सर, प्रो. इकबाल सर, प्रो. वानखडे सर और प्रो. रैेंक मैडम मुख्य रूप सेे उपस्थित थे. कार्यक्रम के प्राध्यापक समन्वयक के रूप में प्रो. सागर गुल्हाने सर और प्रो. आयुषी गुल्हाने मैडम का योगदान उल्लेखनीय रहा. ओम घोंगडे और पल्लवी पाटिल ने छात्रों के समन्वय में प्रमुख भूमिका निभाई.कार्यक्रम का संचालन दो छात्राओं. धनश्री वानखडे और पल्लवी पाटिल ने प्रभावी ढंग से किया. इसके अलावा समीक्षा शेगोकार अथर्व सावडेकर, वैष्णवी तायडे, रोहित देशमुख शोएब शेख, स्वानंद देवले, ठाकरे, संघर्ष काले, श्रुति तिवारी, श्रेजल जगताप, श्रवण जगताप, श्रृतिका काले, पलक चवल्लिवार, ओम देशमुख, जय आडे, जिगे्रश चौधरी ,अथर्व उगले, चंचल दांडे, विशाल फड, रवि खकसे ने छात्र समन्वयक के रूप में विशेष रूप से कडी मेहनत की. साथ ही, पिछले सत्र में आयोजित क्विज और शतरंज प्रतियोगिताओं के विजेताओं को इंजीनियर मिलिंद दलाल और विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. सुचिता हिरदे मैंडम द्वारा पुरस्कार प्रदान किए गए.

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