यवतमाल प्रतिनिधि/दि.९ – स्थानीय अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश एस.डब्ल्यू.चव्हाण ने मंगलवार को दुष्कर्म के आरोपी डोंगरखर्डा के गुणवंत्त गेडाम को 10 साल कारावास, 10 हजार रुपए दंड और दंड नहीं भरने पर छह माह की अतिरिक्त सजा सुनाई है.
जानकारी के अनुसार डोंगरखर्डा में रहने वाली एक नाबालिग 2 जून 2017 की दोपहर मेटीखेडा में ट्यूशन क्लास गई थी. ट्यूशन क्लास समाप्त होने के बाद घर लौटने के लिए वह मेटीखेडा के आटो पाँईंट पर आयी. वहां पर पीछे से आये आरोपी गुणवंत गेडाम ने उसकी बैग छिन ली. इसके अलावा उसे और उसके ममेरे भाई निलेश मडावी को जबरन मोटरसाइकिल पर बिठाकर रावेरी गांव के केैनल के पुल के पास बुलाया और उसके बाद नाबालिग को पुल के निचे खिचकर लेजाकर उसके साथ दुराचार किया. यही नहीं तो मोबाइल में उसकी अश्लिल तस्वीरें भी ली. वहीं इस बारे में किसी को भीबताने पर सोशल मीडिया के जरिए तस्वीरों को शेअर करने की धमकी दी. इस दौरान नाबालिग के ममेरे भाई निलेश ने आरोपी गुणवंत का विरोध करने का प्रयास किया तब आरोपी उसपर पत्थराव करते हुए वहां से उसे भगा दिया. निलेश की सहायता से नाबालिग छात्रा घर पहुंची और आपबीती परिजनों को सुनाई. उसके बाद परिजन पीडित छात्रा को लेकर रालेगांव थाने में पहुंचे व शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने आरोपी गुणवंत गेडाम के खिलाफ धारा 376 और बाल यौन शोषण प्रतिबंध अधिनियम 4 के तहत अपराध दर्ज किया. मामले की जांच सहायक पुलिस ए.एन.सोलंके ने की और आरोपी गुणवंत को हिरासत में लिया. जिसके बाद सभी सबूतों को इकट्ठा कर जांच पूरी की व मामला न्यायप्रविष्ठ किया. जिला व सत्र न्यायाधीश एस.डब्ल्यू.चव्हाण के न्यायालय के समक्ष मामले को सुनवाई के लिए रखा गया. इस दौरान 7 गवाहों के बयान दर्ज किये गए. जिसमें पीडित छात्रा, घटना का प्रत्यक्षदर्शी निलेश और वैद्यकीय अधिकारी की गवाही महत्वपूर्ण साबित हुई. जिसके बाद न्यायालय ने आरोपी गुणवंत को 10 साल की सशर्त सजा सुनाई. इस मामले में सरकार की ओर से जिला सरकारी वकील निती दवे ने पैरवी की.