यवतमाल/दि.19– पुणे स्थित एक हैंडलूम प्रतिष्ठान की संचालिका अनघा घैसास द्वारा अयोध्या में स्थापित होने जा रही श्रीराम की प्रतिमा हेतु महावस्त्र का निर्माण करने हेतु पुणे में ‘दो धागे श्रीराम के’ नामक उपक्रम चलाया गया था. जिसमें 12 लाख 36 हजार 200 भाविक श्रद्धालुओं ने हाथकरघे पर दो-दो खटके चलाते हुए दो-दो धागे जोडकर 13 दिनों के दौरान रेशम से बंधा महावस्त्र साकार किया. 7 रंगों से बनाये गये इस महावस्त्र के जरिए पुणे में रहने वाली और मूलत: यवतमाल निवासी सोनाली खेडेकर नामक डिझाइनर ने अपने 9 कारागिरों की सहायता से भगवान श्रीराम की प्रतिमा हेतु आकर्षक पोशाक साकार की है. इन सभी पोशाकों को अब अयोध्या भेज दिया गया है तथा श्रीराम जन्मभूमि न्यास के सुपुर्द कर दिया गया है. सोनाली खेडेकर की इस उपलब्धि के चलते यवतमाल शहर सहित जिले में हर्ष की लहर व्याप्त है.
जानकारी के मुताबिक यवतमाल निवासी सेवा नविृत्त कृषि अधिकारी गिरीधर नागपुरे व प्रदेश महिला कांग्रेस कमिटी की वरिष्ठ सदस्या पुष्पा नागपुरे की बेटी सोनाली खेडेकर (नागपुरे) पुणे में रहती है. जहां पर वे अपना बुटीक चलाती है. वहीं पुणे में सौंदामिनी हैंडलूम की संचालिका अनघा घैसास ने राम जन्मभूमि मंदिर के लोकार्पण एवं मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मद्देनजर ‘दो धागे श्रीराम के’ उपक्रम चलाया. जिसके तहत साढे 12 लाख लोगों ने हाथकरघे पर दो-दो धागे जोडते हुए रेशम से बना विशालकाय वस्त्र तैयार किया. इसी वस्त्र को पोशाक बनाने हेतु अनघा घैसास ने सोनाली खेडेकर के सुपुर्द किया तथा सोनाली खेडेकर ने अपने 9 कारागिरों की सहायता से भगवान श्रीराम के लिए अंगरखा, धोती व अंगवस्त्र जैसे पोशाक तैयार की और 7 अलग-अलग पोशाकों पर एंब्रॉयडरी, काशिदकारी व मोतीकाम सहित अन्य कलात्मकता की गई है. जिसके बाद इन सभी पोशाकों को सौदामिनी हैंडलूम की संचालिका अनघा घैसास के जरिए राम जन्मभूमि न्याय के सुपुर्द कर दिया गया.
विशेष उल्लेखनीय है कि, मूलत: यवतमाल की निवासी सोनाली खेडेकर ने बीई की पदवी प्राप्त की है तथा कुछ समय नौकरी करने के बाद उन्होंने खुद को ड्रेस डिझायनिंग के व्यवसाय से जोड लिया. जिसके लिए उन्हें दुबई में इंटरनैशनल अवार्ड भी मिला है और वे मराठी फिल्म इंड्रस्टी के कई नामांकित कलाकारों के लिए डे्रस डिझायनिंग का काम करती है.