यवतमाल/दि.25 – जिले में केवल 12 रेती घाटों की निलामी हुई थी. वहीं जिन रेती घाटों की निलामी नहीं हुई है, उन रेती घाटों को निशाना बनाते हुए रेत तस्करी करते हुए उनको खोकला बनाने का काम किया जा रहा है. बारिश से पूर्व यवतमाल शहर के चारों ओर जहां जगह मिली वहां रेत का संग्रह किया जा रहा है. राजस्व विभाग की टीम ने एक्शन मोड में आते हुए अब तक 12 हजार ब्रास रेती जब्त की है. 62 रेत के टीले मिलने से उनको नोटीस भेजी गई है. वहीं अन्य रेत के टीले पकडने की कार्रवाई भी चल रही है.
यहां बता दें कि रेत के कारोबार में बडे पैमाने पर आमदनी प्राप्त होने से अनेक लोगों ने इसमें निवेश किया है. उनमें सत्ताधारी व विरोधी पार्टी के पदाधिकारी सहित कार्यकर्ताओं का समावेश है. रेती घाटों पर दहशत निर्माण करने के लिए अपराधियों को भी इस व्यवसाय से जोडा गया है. बीते कुछ वर्षों में यवतमाल जिले में रेत तस्करी में अनेक लोग सक्रीय हो चुके है. बीते 19 मई को एक ऐसा मामला सामने आया, जिसमें रेत माफियाओं ने सूचना अधिकार कार्यकर्ता को कैद कर पीटा और उसका वीडियो वायरल किया. जिसके बाद राजस्व विभाग ने एक्शन मोड पर काम करना शुरु किया. तहसीलदार कुणाल झाल्टे ने तत्काल दो नायब तहसीलदार की स्वतंत्र टीमें तैयार कर शहर के रेत के टीलों को सील करने की मुहिम आरंभ की. अब तक लगभग 12 हजार ब्रास रेत वाले 62 टीले सील किये गए. नायब तहसीलदार अजय गौरकार व राजेश कहारे की टीम ने रेत माफियाओं को नोटिस भी दिये है. 25 व 28 मई को अवैध रेत स्टॉक को लेकर सुनवाई की जाएगी. रेत के स्टॉक को लेकर कानून अनुमति ली है या नहीं इसकी पडताल कर सुनवाई में निर्णय लिया जाएगा. खनिकर्म अधिकारी की ओर से रेत स्टॉक की अपसेट कीमत निर्धारित कर उसकी निलामी कर रकम सरकारी खजाने में जमा की जाएगी.