यवतमाल/प्रतिनिधि दि.१३ – पुलिस विभाग पर रहने वाले वॉरन्ट के 66 करोड रुपए रापनि को देने के लिए राज्य के गृह विभाग ने मंजूरी दे दी है. बीते 8 वर्षो से बकाया रकम मिलने से विपदा के दौर में रापनि को काफी बडा सहयोग मिलेगा.
बता दें कि सालभर से रापनि की बस सेवा रास्ते पर काफी कम चल रही है. जिससे रापनि की तिजोरी सूनी पडी हुई है. अपराधिक मामलों की जांच, बाहरी इलाकों के थानों में काम करने वाले, जेल कर्मचारियों के कार्यालयीन कामकाज और कैदियों को तारीख पर लाने ले जाने के लिए पुलिसकर्मियों को बस से सफर करना पडता है. बस से सफर करने के लिए पुलिसकर्मियों को नगद रकम नहीं दी जाती है जबकि उन्हें वॉरन्ट दिया जाता है. यह वॉरन्ट बस कन्डक्टर जमा कर लेते है. कितने लोगों ने सफर किया, उनका यात्रा किराया कितना हुआ यह सब रापनि की ओर से पंजीबद्ध किया जाता है. कुल रकम की डिमांड पुलिस विभाग से की जाती है. रापनि के बीते 8 वर्षो से पुलिस विभाग पर 66 करोड 6 लाख 4 हजार 494 रुपए बकाया है. 2012-13 से 2019-20 की अवधि की यह रकम है. मध्यांतर के दौर में कुछ रकम रापनि को दी गई थी. लेकिन मध्यातंर के दौर में बकाया रकम का आंकडा बढ गया यह रकम रापनि को देने के लिए राज्य के पुलिस महासंचालक ने गृहविभाग को सूचना दी है. जिसके बाद 11 मई को यह आदेश पारित किए गए. रापनि को बकाया रहने वाली सभी 66 करोड की रकम देने के लिए गृहविभाग ने अनुमति दी है.
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रापनि को वॉरन्ट से मिलने वाली रकम
वित्तीय वर्ष रकम
2012-13 10 हजार 722 रुपए
2013-14 9 करोड 70 लाख 34 हजार
2014-15 10 करोड 40 लाख 60 हजार
2015-16 9 करोड 91 लाख 81 हजार
2016-17 9 करोड 15 लाख 50 हजार
2017-18 8 करोड 51 लाख 50 हजार 407
2018-19 9 करोड 20 लाख 87 हजार
2019-20 9 करोड 95 लाख 72 हजार