यवतमालदि.9 – यवतमाल जिले के उमरखेडा में नगर परिषद के 65 लाख के घनकचरा संकलन घोटाले में मुख्याधिकारी चारुदत्त इंगुले ने लिखित शिकायत दी तब से अपराध दर्ज होने तक इस बात की भनक मामले के 11 दोषियों को लगी. तकनीकी जांच के आधार पर मोबाइल लोकेशन लेते हुए किसी भी वक्त पुलिस गिरफ्तार कर सकती है, इस बात का डर था. इस बात को लेकर विधायक नामदेव ससाणे समेत 11 लोगों ने अपराध दर्ज होने से पहले ही अपने अपने मोबाइल बंद कर दिये. वे सभी आरोपी फरार बताये जा रहे है.
उमरखेडा के इतिहास में पहली बार यह मामला उजागर हुआ है. वर्ष 2017-18 में स्वच्छ संरक्षण घनकचरा यातायात व समतल करने के काम में हुए भ्रष्टाचार होने का आरोप एमआईएम के पार्षद तथा विरोध पक्षनेता शेख जमील ने किया. इस बारे में उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. इसके अनुसार नगर रचना मंत्रालय में सुनवाई ली गई. 21 जनवरी को इस मामले के दोषियों पर अपराध दर्ज करने के आदेश दिये. जिसके अनुसार उमरखेड की मुख्याधिकारी चारुदत्त इंगुले ने पुलिस थाने में शिकायत दी. विधायक नामदेव ससाणे समेत 11 लोगों पर अपराध दर्ज कर दिया.
नगर पालिका में 65 लाख रुपए की हेराफेरी के मामले में भाजपा के विद्यमान विधायक नामदेव ससाणे, दिलीप सुरते, सविता पाचपुरे, राष्ट्रवादी के पूर्व नगराध्यक्ष व विद्यमान पार्षद चंद्रशेख जयस्वाल, शिवसेना के अनमोल तिरंगकर इन राजनीतिक लोगों, इसी तरह तत्कालीन मुख्याधिकारी गणेश चव्हाण, तत्कालीन स्वास्थ्य निरीक्षक विशाल श्रीवास्तव, ठेकेदार गजानन मोहले, फिरोज खान, नांदेड की पल्लवी इंटरप्राईजेस, ऐसे 11 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है.
कई मामले के भ्रष्टाचार उजागर करुंगा
उमरखेड नगर परिषद में शासन की निधि का दुरुपयोग किया गया. अपने मर्जी के ठेकेदार को बोगस तरीके से घनकचरा व्यवस्थापन के काम दिये गए. 65 लाख रुपए की हेराफेरी होने के कारण फौजदारी के तहत कार्रवाई की गई. मगर नगर परिषद में इस तरह के कई और बोगस मामले है. उसकी भी लिखित शिकायत कर भ्रष्टाचार उजागर करुंगा, ऐसा याचिकाकर्ता व नगर परिषद के विरोधी गुटनेता पार्षद जलील कुरैशी ने पत्रकार परिषद में व्यक्त किया.