यवतमाल

युवक को एक महिना अगवा कर रखा कैद

चार आरोपियों को तीन साल का कारावास

यवतमाल/प्रतिनिधि दि.२५ – प्रेम होने के संदेह पर दारव्हा तहसील के युवक को चार लोगों ने अगवा कर तकरीबन एक माह तक कैद कर रखा. इतना ही नहीं तो उसके साथ अमानवीय तरीके से छल भी किया गया. इस अपराध में शामिल चारों आरोपियों को जिला सत्र न्यायालय ने बुधवार को 3 साल के कारावास की सजा सुनाई. आरोपियों का नाम चंद्रजित रुमाले, आशिष भवरासे, शक्ति गुल्हाने, संजय गुल्हाने बताया गया है. चारों आरोपियों ने दारव्हा में रहने वाले अरुण सरतांबे नामक युवक का 13 मई 2012 में यवतमाल के एक ट्रैवल्स कार्यालय से अपहरण किया था. आरोपी पहचाने के होने से अरुण उनके साथ गया था. अरुण यवतमाल के दत्तात्रय नगर परिसर के एक घर में कैद कर रखा गया था. यहां पर 18 जुलाई 2012 तक अरुण के साथ अमानवीय तरीके से छल किया गया था. अरुण ने बंद घर की खिडकी खोलकर परिसर के नागरिकों की मदद मांगी. इसके बाद परिसर के नागरिकों ने उसके रिहाई की. अवधुतवाडी पुलिस ने अरुण सरतांबे की शिकायत पर चंद्रजित रुमाले, दिनेश तौष्णीवाल, विक्की उर्फ अनिल डहाके, तुषार गुल्हाने, रोशन गुल्हाने, आशिष भवरासे, शक्ति गुुल्हाने, संजय गुल्हाने के खिलाफ धारा 307, 364, 344, 346, 365, 368, 357 व उपधारा 34 के तहत अपराध दर्ज किया. सहायक पुलिस निरीक्षक विजय राठोड ने मामले की जांच कर दोषारोप पत्र न्यायालय में पेश किये. जिला व सत्र न्यायाधीश किशोर पेटकर ने मामले में 10 गवाह के बयान दर्ज किये. इनमें पीडित व प्रत्यक्षदर्शी गवाहों के बयान ग्राह्य मानकर चार लोगों को 3 वर्ष की कारावास व 500-500 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई. सरकारी पक्ष की ओर से सहायक सरकारी वकील एड.अरुण मोहोड, एड.सवीन तायडे, एड.रणजीत अगमे ने पैरवी की. उनको अवधूत वाडी पुलिस थाने के पैरवी अधिकारी दिनकर चौधरी ने सहयोग दिया. वहीं सबूतों के अभाव में दिनेश तौष्णीवाल, विक्की उर्फ अनिल डहाके, तुषार गुल्हाने को बाईज्जत बरी कर दिया गया.

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