डेढ़ वर्षो में एसीबी के ५२ अपराध सिध्द हुए
६२ आरोपियों को सजा : सबसे अधिका पुलिस व राजस्व विभाग मेें

प्रतिनिधि/दि.१८
यवतमाल-जनवरी २०१९ से जून २०२० इन डेढ़ वर्षो मेें राज्य में भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग ने न्यायालय में दर्ज किए गये मामले में ५२ अपराध सिध्द हुए है. उसमें से ६२ आरोपियों को न्यायालय ने सजा सुनाई है. विगत डेढ़ वर्षो में भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग ने राज्य में रिश्वत स्वीकारते हुए रंगे हाथों पकड़ा.रिश्वत की मांग, अपसंपदा इस संबध में सैकड़ों अपराध दर्ज किए है. उसमें से ५२ अपराध सिध्द हुए. उसमें से ६२ लोगों को सजा सुनाई है. उसमें से कक्ष १ के १२ तथा कक्ष-२ के ७ अधिकारी शामिल है. कक्ष ३ के ३४ तथा कक्ष ४ के दोनों के खिलाफ अपराध सिध्द हुआ हैे. इसके अलावा दो अन्य लोकसेवक व दल के रूप में काम करनेवाले ५ निजी व्यक्तियों को सजा सुनाई है. अपराध सिध्द होनेवाले सबसे अधिक १५ मामले पुलिस खाते में है. उसमेें राजस्व भूमि अभिलेख व पंजीयन विभाग के ११, पंचायत समिति ५, जिला परिषद ४, वन विभाग ३, नगरविकास (मनपा सिडको) दो,शिक्षा व सार्वजनिक निर्माणकार्य विभाग प्रत्येक दो तथा विद्युत मंडल, सिंचाई विभाग, स्वास्थ्य विभाग,नगर परिषद, प्रादेशिक परिवहन, सहकार व पणन, राज्य परिवहन, सिडको इस विभाग के प्रत्येक पर एक अपराध सिध्द हुआ हैे. आदिवासी विकास विभाग के केवल एक ही मामले डेढ़ वर्षो में एसीबी सााबित नहीं कर सके.
१० लाख का जुर्माना वसूला
अपराध सिध्द होकर सजा पानेवाले ६२ आरोपियों की ओर से १० लाख ९० हजार ५०० रूपये की रकम वसूली गई है. उसमें सबसे अधिक रकम नगरविकास ५ लाख, १ हजार राजस्व विभाग १ लाख ६५ हजार तथा पुलिस विभाग की ओर से १ लाख ३० हजार जुर्माना वसूला गया.
सबसे अधिक भंडारा नाशिक में
अपराध सिध्द होकर सजा होनेवाले मामले नांदेड़, नाशिक,भंडारा, बीड, चंद्रपुर, मुंबई,सोलापुर, रायगड,कोल्हापुर, नगर,औरंगाबाद शहर व ग्रामीण, मुंबई, ठाणे, जलगांव, खामगांव, बुलढाणा, पुणे, सातारा व लातूर जिले हैे उसमें भी भंडारा,नाशिक ठाणे जिले के मामले अधिक है.