यवतमाल प्रतिनिधि/दि.15 – जिले में मित्रा संस्था की ओर से सरकारी अनुदान पर खेत तालाब खुदाई का काम किया गया था. उसके लिए संस्था को 24 लाख 98 हजार की निधि वर्ष 2013 में दिया गया था. लेकिन संस्था के स्थानीय कर्मचारियों ने केवल कागजी खानापूर्ती करते हुए पूरी निधि हडप ली थी. इस मामले में मित्रा संस्था के विभागीय प्रमुख ओमदेव सिंग चुडासामा की शिकायत पर अपराध दर्ज किया गया. लेकिन इसके बाद किसी ने भी इस मामले की जांच नहीं की. 7 जांच अधिकारी भी बदल गये फिर भी मामला प्रलंबित था. वही अब आरोपियों को हिरासत में लिया गया है. इनमें नागपुर निवासी राजु इंगले, यवतमाल के विडूल गांव निवासी विकास डांगे, नागपुर के दिनेश वांडरे, भंडारा के विजय बरडे, वाशिम जिले के अडोली के अभय तायडे, चंद्रपुर के रेवदास पंचभाई, आमगांव के ओमप्रकाश पाथोडे का समावेश है.
वहीं अमरावती के धामणगांव रेलवे के नरेंद्र गणवीर और मलकापुर के विशंभर तायडे को गिरफ्तार करने के लिए शहर पुलिस की टीम गई हुई है.
आरोपियों ने मित्रा संस्था के माध्यम से खेत तालाब खुदाई का काम लिया था. उनको 283 खेत तालाब खुदाई का कार्य दिया गया था. इनमें से कुछ खेत तालाब बनाये गये लेकिन बाकी खेत तालाब दस्तावेजों पर दिखाकर पूरे बिल निकाले गये. इस बारे में पुणे की टीम ने निरिक्षण किया तो, बाद सामने आई. इसके बाद 9 आरोपियों के खिलाफ धारा 417, 418, 420, 468, 471, 465, 201, 120 व 34 के तहत अपराध दर्ज किया गया. वर्ष 2013 में दाखिल किये गये अपराध में पुलिस ने कोई भी कार्रवाई नहीं की. जिसके चलते 9 आरोपी बिंधास्त घूम रहे थे. यह मामला प्रलंबित होने से उसकी जांच पूरी करने के निर्देश पुलिस अधिक्षक डॉ. दिलीप भुजबल पाटील ने दी है. जिसके बाद शहर पुलिस थानेदार धनंजय सायरे ने टीम गठन कर 8 जिलों में छिपकर बैठे आरोपियों को हिरासत में लिया. उनमें से एक आरोपी को जेल भेजा गया है. जबकि 6 आरोपियों को पुलिस कस्टडी में रखा गया है. वहीं दो आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की जानकारी थानेदार ने दी.