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कम्प्यूटर की त्रृटिया कैसे सुधरेगी
यवतमाल/प्रतिनिधि दि. २७ -उच्च शिक्षा लेनेवाले विद्यार्थियों का आरक्षित कोटा और सहूलियत देेने हेतु प्रवेश के लिए क्रिमिलिअर प्रमाणपत्र अनिवार्य किया गया है. प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए सॉफ्टवेअर विकसित किया गया है. जिसमें पालको की उम्र के अनुसार पालको की उम्र १८ से कम होगी तभी नॉन क्रिमिलिअर प्रमाणपत्र स्वीकार जाता है. किंतु किसी भी पालक की उम्र १८ वर्ष से अधिक ही होती है. जिसके कारण यह प्रमाणपत्र विद्यार्थियों को मिला ही नही परिणामस्वरूप ४ लाख विद्यार्थी अडचन में आ गये है. जिसके कारण विद्यार्थियों का प्रवेश अटक गया है.
कामकाज तीव्र गति से होने के लिए आवेदन भरते समय कम्प्यूटर का उपयोग किया जाता है. ओबीसी, वीजे, एनटी, एसबीसी, एनटी१, एनटी २, एनटी ३ इस प्रवर्ग के विद्यार्थियों को प्रवेश देने के लिए नॉनक्रिमिलिअर प्रमाणपत्र अनिवार्य है. प्रमाणपत्र नहीं हो तो इस प्रवर्ग में प्रवेश नहीं मिलता तथा सहूलियत सहित आरक्षण भी नहीं मिलता. विशेष रूप से छात्रवृत्ति के लिए वह आवश्यक है. अब सॉफ्टवेअर की त्रृटियों से पालक की उम्र १८ वर्ष से ऊपर होने से कम्प्यूटर यह आवेदन ही स्वीकार नहीं करता. इसका परिणाम प्रवेश प्रक्रिया पर हुआ है. जिसके कारण १० वीं के बाद ११ वीं, १२वीं, पदवी, अभियांत्रिकी डॉक्टर प्रवर्ग का प्रवेश अटका है. विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति भी अटकी है. इस वजह से राज्यभर में शोर शराबा हो गया है.
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मुख्यमंत्री के परिसर में सवाल
यह सवाल भारतीय पिछडा ओबीसी संगठन ने मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे के सामने उपस्थित किया है. संगठन के राज्याध्यक्ष डॉ. ज्ञानेश्वर गोरे और केन्द्रीय समिति विलास काले ने राज्य के विद्यार्थियो की समस्या सामने रखी. उस संबंध में अभी तक कोई हल नहीं निकला. जिसके कारण विद्यार्थियों का प्रवेश अटक गया है.
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नॉन क्रिमिलिअर में तीन वर्ष की आय
विद्यार्थियों की विविध सहूलियत के लिए पालको की तीन वर्ष की औसतन आय बतानी पड़ती है. ८ लाख के अंदर आय रहनेवालों को पालको के पाल्यों का इस योजना का लाभ मिलता है.