यवतमाल/दि.19-फर्जी दस्तावेज के आधार पर बैंक में गिरवी रहने वाले मकान सहित जमिन का बोजा उतारकर बाबाजी दाते महिला सहकारी बैंक में 10 करोड का फ्रॉड होने का आरोप है. उक्त बैंक डूबने की कगार पर आ गई है. बैंक का एनपीए बढने से इस बैंक के व्यवहार पर आरबीआय ने निर्बंध लगाए है. साथही यहां जिला उपनिबंधक सहकारी संस्था की अवसायक के रूप में नियुक्ति की है. इस अवसायक ने हीं ही 10 करोड की गिरवी संपत्ति को कर्जमुक्त करने संबंध में फर्जी दस्तावेज तैयार करने का आरोप किया गया है.
इस मामले में बैंक की पूर्व अध्यक्ष ने दी शिकायत पर उपनिबंधक सहित पांच लोगों के खिलाफ धोखाधडी का मामला दर्ज हुआ है. जिला उपनिबंधक तथा अवसायक नानासाहेब सयाजीराव चव्हाण (40), अनुपमा आनंदराव जगताप (60), अतुल आनंदराव जगताप (45), सचिन साहेबराव जगताप (45) तीनों शिवाजी नगर यवतमाल निवासी, राजेंद्र लक्ष्मण वरटकर (53, भाग्योदय सोसायटी वडगांव) मामला दर्ज होने वालों के नाम है.दर्ज शिकायत के अनुसार सितंबर 2005 से ए.जी.जगताप फर्म ने बाबाजी दाते महिला सहकारी बैंक के पास मकान, जमीन गिरवी रखकर समय-समय पर कर्ज लिया. कर्ज का भुगतान नियमित नहीं किया. इसलिए कर्ज और ब्याज मिलकर उस फर्म पर 10 करोड बकाया था. बार-बार नोटिस देने के बाद भी जगताप फर्म के सदस्यों ने कर्ज का भुगतान नहीं किया.
आखिर में ए.जी.जगताप फर्म के खिलाफ अमरावती सहकार न्यायालय में धारा 91 के तहत मामला दर्ज किया गया था, लेकिन दर्ज मामला अवसायक चव्हाण ने दिए पत्र का कारण वापस लिया गया और फर्जी कागजात तैयार कर दुय्यम निबंधक कार्यालय में 1 फरवरी 2024 को कर्जमुक्त करने का लेख पेश किया था. कर्ज विभाग का बोझ कम करने के लिए अवसायक नानासाहेब चव्हाण, अनुपमा जगताप, अतुल जगताप, सचिन जगताप, और राजेंद्र वरटकर ने फर्जी कागजात तैयार करने की शिकायत अवधुतवाडी पुलिस को कुलकर्णी ने दी. इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज किया.
* कार्रवाई की ओर निगाहें
महिला बैंक के संदर्भ में कई शिकायतें इसके पूर्व प्राप्त हुई है. पूंजीदारों की रकम अटकी है. अब अवसायक नियुक्त करने के बाद यह गंभीर मामला सामने आया है. करोडों रुपए की अफरातफर होने से यह मामला आर्थिक अपराध शाखा के पास जाने की संभावना है. पुलिस की कार्रवाई की ओर सभी के निगाहें लगी है.