* कलंब तहसील के किन्हाला में अंत्यसंस्कार के लिए स्मशानभूमि नहीं
यवतमाल/ दि.7– कलंब तहसील के किन्हाला में अंत्यसंस्कार के लिए अधिकृत स्मशान भूमि नहीं. जिसके पास खुद की खेती है वे खेतों में अंत्यसंस्कार करते है. मगर जिनके पास जमीन नहीं ऐसे भूमिहीनों को काफी परेशानी होती है. स्मशान भूमि तैयार की जाए, ऐसी मांग बार बार की गई. मगर प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंगी. इस वजह से रविवार को गांव की महिला के अंत्यसंंस्कार की समस्या निर्माण हुई है. तब गांववासियों ने रास्ते पर उतरकर आंदोलन किया. महिला की लाश साथ में लेकर पांढरकवडा मार्ग का चक्काजाम कर दिया. तब जाकर यहां के विधायक ने अंत्यसंस्कार शेड के लिए निधि उपलब्ध कराई.
सुनंदा सखाराम राठोड (61) इस महिला की मृत्यु हो गई. उसके पार्थिव पर अंत्यसंस्कार कहा किया जाए, ऐसी समस्या निर्माण हुई. गांववासी व रिश्तेदार अंत्यसंस्कार के लिए इकट्ठा हुए. बार बार विनंती करने पर भी प्रशासन सुनने को राजी नहीं. आखिर गांववासियों ने आंदोलन की भूमिका अपनाई. यवतमाल-पांढरकवडा मार्ग पर लाश साथ में लेकर आंदोलन किया गया. हमेशा जहां जगह दिखती वहां अंत्यसंस्कार कर परेशान हुए गांववासियों ने आक्रमक भूमिका अपनाई. सुबह 10 बजे से महामार्ग पर लकडी, टायर जलाकर रास्ते का यातायात बंद कर दिया. आंदोलन की जानकारी मिलते ही उपविभागीय पुलिस अधिृकारी संपतराव भोसले, पुलिस उपनिरीक्षक भास्कर दरणे, उपनिरीक्षक सिडाम, जमादार शेखदार, जंगले, बोकडे, ग्रामसेवक सोनपराते, पटवारी डोलस मौके पर पहुंचे. ग्रामवासियों के प्रश्नों का उत्तर कर्मचारियों पास नहीं था. गांव 80 आर जमीन है वहां स्मशान भूमि बनाई जा सकती है, ऐसा प्रस्ताव भी कई बार दिया गया. मगर यह प्रस्ताव की फाइल की यात्रा कभी समाप्त ही नहीं हुई, ऐसा आरोप लगाते हुए गांववासियों ने नाराजी व्यक्त की.
गांव में स्मशान भूमि न होने के कारण दाह संस्कार करने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पडता था. खासतौर पर बारिश के मोैसम में अंत्यसंस्कार की काफी समस्या निर्माण होती थी. इस बात से नाराज गांववासियों ने महिला की लाश साथ में लेकर चक्काजाम आंदोलन किया. गांववासियों के झटके से आखिर स्मशान भूमि के शेड के लिए जल्द ही निधि उपलब्ध कराने का आश्वासन अधिकारियों ने दिया व पूर्व मंत्री विधायक प्रा.डॉ.अशोक उईके ने तत्काल दहन शेड के लिए निधि उपलब्ध कराई.