यवतमाल

यवतमाल में बुखार से हो रही बच्चों की मौतें

15 दिन में 10 बच्चों ने तोडा दम

यवतमाल/दि.16– विगत करीब 15 दिनों के दौरान यवतमाल जिले में अलग-अलग स्थानों पर रहने वाले 15 बच्चों की तेज बुखार रहने के चलते मौत हो गई है. इन सभी मामलों में बच्चों के अभिभावकों द्बारा दावा किया जा रहा है कि, उनके बच्चों की मौत डेंगू के चलते हुई है. परंतु स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक जिले में डेंगू का संक्रमण नहीं है, बल्कि यह तमाम मौते विविध वायरल, बीमारियों की वजह से हुई है. साथ ही स्वास्थ्य विभाग का यह भी कहना रहा कि, किसी भी बच्चे के परिजनों के पास बच्चों के डेंगू पॉजिटिव रहने की रिपोर्ट नहीं है. ऐसे ेंमें डेंगू से मौते होने को लेकर किया जा रहा दावा पूरी तरह निरर्थक है. लेकिन हकीकत यह है कि, विगत 15 दिनों में जहां एक ओर 10 बच्चों की तेज बुखार से पीडित होने के बाद मौत हो गई. वहीं दूसरी ओर जिले की सभी सरकारी व निजी अस्पतालों में बडे पैमाने पर बुखार से पीडित बच्चों को इलाज हेतु भर्ती कराया गया है. साथ ही बडी आयु गुट वाले कई लोग भी बुखार से पीडित होकर अस्पताल पहुंच रहे है. जिसकी वजह से सभी सरकारी व निजी अस्पतालों में मरीजों की अच्छी खासी भीडभाड दिखाई दे रही है.

जानकारी के मुताबिक महागांव तहसील अंतर्गत डोंगरगांव में 6 माह के शायान व हिवरा संगम में 9 माह की सुरेखा नामक दो बच्चों की विगत 2 अक्तूबर को मौत हुई. जिन्हें तेज बुखार आने के बाद अस्पताल मेें भर्ती कराया गया था. इसके बाद 7 अक्तूबर को महागांव तहसील के ओंकार नरवाडे की मौत हुई. इस बच्चे को बुखार आने के बाद पुसद के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां से उसे नांदेड रेफर किया गया था. परंतु इस बच्चे को बचाया नहीं जा सका. वहीं 8 अक्तूबर को नेर के 12 वर्षीय साहिल खांडेकर व सोनखार हेटी के 4 वर्षीय कर्तव्य झामरे की तेज बुखार आने के बाद भर्ती कराए जाने के पश्चात मौत हुई. इसी तरह 9 अक्तूबर को बोरी अरब की 9 वर्षीय उन्नति मेश्राम की तेज बुखार पश्चात मौत हुई. इससे पश्चात इस बच्ची पर दारवा के उपजिला अस्पताल में 2 दिनों तक इलाज करवाया गया था. पश्चात उसे सरकारी अस्पताल में रेफर किया गया. जहां उसने दम तोड दिया. वहीं 10 अक्तूबर को महागांव तहसील के टेम्भी में रहने वाले 2 वर्षीय चेतन्न चिलकर की मौत हो गई. जिसे महागांव के ही निजी अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद सवना स्थित ग्रामीण अस्पताल में रेफर किया गया. जहां उसने दम तोड दिया. इसके बाद 11 अक्तूबर को यवतमाल जिले के वरुड में रहने वाली रितिका कुमरे नामक 15 वर्षीय छात्रा की सावंगी मेघे अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हुई. इसी दिन देउलवाडा में रहने वाली 23 वर्षीय तनिष्का नरे नामक छात्रा की तेज बुखार से पीडित होने के चलते मौत हुई. वहीं 12 अक्तबर को प्रीतम उके नामक 11 वर्षीय बच्चे की तेज बुखार के चलते मौत होने की खबर सामने आयी.

इन सभी बच्चों के अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि, उनके बच्चों की मौत डेंगू की संक्रामक बीमारी के चलते हुई है और प्रशासन द्बारा डेंगू के संक्रामण रोकने हेतु काई प्रतिबंधात्मक उपाय नहीं किए जा रहे. वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य महकमें की ओर से कहा गया है कि, यह डेंगू का संक्रमण नहीं है, बल्कि मौसम में हुए बदलाव की वजह से वायरल बीमारियां पांव पसार रही है और इस बीमारी पर नियंत्रण हेतु 4-4 कर्मचारियों का समावेश रहने वाले 8 पथकों की निर्मिती की गई है तथा प्रत्येक पथक को 2-2 तहसीलों का जिम्मा सौंपा गया है. इन पथकों द्बारा प्रत्येक गांव मेें जाकर फवारणी व धुवारणी करने के साथ ही वायरल बीमारी से पीडित एवं डेंगू संदेहित रहने वाले मरीजों की स्वास्थ्य जांच की जा रही है. जिसके तहत अब तक 8 हजार मरीजों के सैंपल लेकर जांचे जा चुके है. जिसमें से 243 डेंगू पॉजिटिव मरीज पाए गए है. जिन्हें इलाज हेतु अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहीं इन दिनों इन्फ्ल्यूइंजा, सर्दी, खांसी व एडवान्स निमोनिया जैसी बीमारियां भी पांव पसार रही है.

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