यवतमाल/दि.31– खेतों में कीटनाशक छिडकाव की नियमावली का कडाई से पालन न करने के कारण किसान और खेतीहर मजदूरों को विषबाधा हो रही है. अत: नियमावली स्पष्ट और पठनीय बनाने की मांग केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, सांसद नवनीत राणा एवं विधायक मदन येरावार ने कृषि महकमे से की है. उन्होंने कीटनाशक की बोतल य पैकेट पर उनके इस्तेमाल के दिशानिर्देश और परिस्थितियां अत्यंत स्पष्ट करने की मांग की है.
तीनों नेताओं ने विषय को गंभीर बताया. शेतकरी संगठन की तकनीक व कृषि विज्ञान आघाडी के अध्यक्ष मिलिंद दामले ने तीनों से मुलाकात कर उन्हें दवा छिडकाव से हो रही विषबाधा का विषय गंभीरता से समझाकर बतलाया. इसलिए गडकरी, राणा और येरावार ने कृषि मंत्री को पत्र भी भेजा है. समाचार पत्रों के इस विषय में प्रकाशित समाचारों का भी संदर्भ पत्र में दिया गया है.
कंपनियां कीटनाशक की छिडकाव सूचना 14 भाषा में एक ही काले रंग में छापती है. वह अक्षर छोटे और कई बार अस्पष्ट होते है. पहले ही खेती किसानी करने वाले पढने से जी चुराते हैं. अक्षर बारीक और अस्पष्ट होने से वे कीटनाशक बोतल या पैकट पर छपी सूचना नहीं पढ पाते. जिससे उनका दवा की मात्रा भी कम अधिक होकर छिडकाव में लापरवाही हो जाती है, जो विषबाधा की वजह बनती है.
कीटनाशकों में पानी के पीएच बैलेंस के बारे में भी नहीं बताया जाता. अलग-अलग जगह अलग-अलग पीएच होता है. इसलिए पीएच बैलेंसर नाम से एक और उत्पाद कंपनी किसानों के मत्थे मडती है. इस पर भी कृषि मंत्री को ध्यान देना चाहिए. शेतकरी संगठन के दामले ने बताया कि मुख्यमंत्री शिंदे ने पुलिस महासंचालक को दवा छिडकाव से विषबाधा मृत्यु के मामले में कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कृषि विद्यापीठ, संशोधन संस्था और विभाग पर भी कार्रवाई की मांग की है.