यवतमाल/दि.11– रेल मार्ग के लिए अधिगृहित की गई जमीन के मुआवजे के 60 करोड रुपए न देने पर अदालत ने शुक्रवार को यवतमाल के जिलाधिकारी कार्यालय को जब्त करने का आदेश दिया था. इस दौरान निवासी उप जिलाधिकारी ललित वराडे के अनुरोध पर याचिकाकर्ता व्दारा जिला प्रशासन को दो माह की मोहलत देने से यह कार्रवाई कुछ समय के लिए टल गई है.
ज्ञात हो कि गोधनी में ज्योती महेश अग्रवाल को खेत हैं. उनके खेत से यवतमाल-वर्धा-नांदेड रेल मार्ग गुजरा है. उनकी 6 एकड कृषि जमीन 2017 में सरकार ने अधिगृहित की थी. जिसका उन्हें काफी कम मुआवजा मिला था. इस कारण ज्योति अग्रवाल ने अदालत में याचिका दायर की थी. जिसके बाद अदालत ने इस मामले में किसान ज्योती अग्रवाल को 60 करोड रुपए देने के आदेश दिए थे. 19 दिसंबर 2021 को मुआवजे का नोटिस किसान के जरिए जिलाधिकारी को दिया गया था. उस समय भूसंपादन अधकारी संगीता चौधर ने दो माह की मियाद प्रशासन की ओर से मांगी थी.
छह माह के बाद पुन: ली थी अदालत की शरण
भूसंपादन अधिकारी संगीता चौधर की बात को भी 6 माह बीत जाने पर मुआवजा न मिलने पर किसान ने पुन: अदालत में मामला दायर किया. अदालत की ओर से शुक्रवार को पुन: जब्ती वॉरंट जारी किया गया. इस दौरान जिलाधिकारी की कुर्सी और भूसंपादन अधिकारी व निवासी उपजिलाधिकारी का वाहन जब्त करने के आदेश दिए गए.