नेर (यवतमाल)/दि.29– दूषित पानी पीने से तहसील के बाणगांव में डायरिया व कॉलरा की बीमारी फैली है. अब तक 60 लोगों को उपचारार्थ दाखिल किया गया है. 13 मरीजों की तबियत गंभीर होने से उन्हें यवतमाल में रेफर किया गया है. गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंचने के साथ ही उपचार जारी है.
गांव के मुंगसाजीनगर में ग्रामपंचायत की बोअरवेल के पास गंदे पानी की नाली होने से यहां का गंदा पानी बोअरवेल में जाने से गांव में कॉलरा व डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ी है, ऐसा आरोप पूर्व सरपंच गणेश चव्हाण ने किया है. डायरिया के साथ कॉलरा के भी मरीज यहां पर पाये गए हैं. अनेक लोग निजी अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल हो रहे हैं. 13 लोगों की तबियत अधिक बिगड़ने के कारण उन्हें यवतमाल के शासकीय रुग्णालय में भर्ती किया गया है.
इनमें दीक्षा पवार, पुंडलिक घोडे, ललिता राठोड, मयूरी राठोड, उषा आडे, प्रभाकर राठोड, छकुली राठोड, रमेश पवार, सारिका राठोड, विमल चव्हाण, सुशीला राठोड, महानंदा राठोड, सुषमा राठोड का समावेश है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा बोअरवेल के पानी का नमूना जांच के लिए लिया है. गांव में स्वास्थ्य शिविर लिये जाने के साथ ही उपचार जारी है. गांव की स्थिति की समीक्षा लेने हेतु भरत मसराम, गणेश चव्हाण, रवि राऊत ने भेंट दी.
गांव की नालियां साफ होने के साथ ही 15 लाख का काम किया गया है. घरेलु बोअरवेल अस्वच्छ होने के कारण डायरिया व कॉलरा की बीमारी हुई.
– माधव राठोड, सरपंच बाणगांव