
यवतमाल-/दि.21 कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष माणिकराव ठाकरे की माताश्री सुमित्राबाई गोविंदराव ठाकरे का रविवार की शाम 5 बजे के करीब वृद्धावस्था के चलते देहावसान हो गया. 102 वर्षीय सुमित्राबाई का खेती पर सबसे अधिक प्रेम रहा. दारव्हा तहसील केक हरु गांव में उन्होंने पुत्र माणिकराव ठाकरे के जीवन को सही रास्ता दिखाया. वृद्धावस्था में वे खेत में नियमित जाती थी. गांव में उनका काफी आदर था. बेटे माणिकराव ठाकरे ने राजनीतिक क्षेत्र में नई-नई सफलता के शीखर पादाक्रांत करने के बाद भी वे हमेशा साधा जीवन जीते हैं. कई वर्षों तक माणिकराव ठाकरे ने मंत्री पद, पार्टी संगठना में प्रदेशाध्यक्ष पद सरीखी कमान, विधानपरिषद के उपसभापति पद पर रहते उनका गांव के लोगों के साथ का प्रेम कायम था. राजनीति में व्यस्त रहने के बावजूद वे अपनी माता की सेवा करते थे. सुमित्राबाई विगत दो वर्ष से पूरी तरह से थक चुकी थी. रविवार की शाम 5 बजे उन्होंने यवतमाल स्थित निवास स्थान पर अंतिम सांस ली. वे अपने पश्चात पुत्र माणिकराव ठाकरे सहित तीन बेटियां, दामाद, नाती जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष राहुल ठाकरे, अतुल ठाकरे सहित भरापूरा परिवार छोड़ गई हैं.
सुमित्राबाई ठाकरे ने हमेशा अपने हरु गांव से रिश्ता बनाये रखा. जिसके चलते आज सुबह हरु स्थित निवास स्थान से उनकी अंतिम यात्रा निकालकर उनके पार्थिव पर अंतिम संस्कार किया गया.