यवतमाल

यवतमाल की गोलीबारी के अक्षय गिरोह से कनेक्शन

पति की हत्या का भाई ही है मास्टरमाईंड

  • बहन की पुलिस में शिकायत

  • अक्षय ने ही किया करण का खात्मा

  • औरंगाबाद जेल में रची गई थी साजिश

यवतमाल/दि.25 – स्थानीय स्टेट बैंक चौक पर बुधवार की रात करण परोपटे नामक युवक की गोलियां दागकर निर्मम हत्या की गई थी. इस मामले में यवतमाल के कुख्यात अक्षय राठोड के अपराधिक गिरोह का संबंध रहने की बात प्राथमिक जांच में सामने आयी है. मृतक की पत्नी आभा करण परोपटे (27) ने शहर पुलिस में स्वयं के भाई समेत 10 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है. जिसपर पुलिस ने सभी 10 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज कर 4 को हिरासत में लिया हैं. अपराध जगत में कोई किसी का नहीं रहता, इसका अनुभव बुधवार रात हुए हत्याकांड से फिर एक बार हुआ है. जान नौछावर कर देने वाले सहयोगी रहने वाला दामाद अक्षय राठोड ने ही करण परोपटे का खात्मा किया. औरंगाबाद जेल में हत्या की साजिश रची गई.
नागपुर, बाभुलगांव, यवतमाल के साथियों की मदत से करण की गोलियां दागकर निर्मम हत्या की गई, इस तरह की शिकायत अक्षय की बहन व करण की पत्नी आभा परोपटे ने दी है. अक्षय आत्माराम राठोड, आशिष उर्फ बगीरा दांडेकर (30), शुभम बघेल (25), धीरज उर्फ बेंड, गौरव गजबे, प्रवीण उर्फ पी.के.केराम(सभी यवतमाल), दिनेश तुरकाने (बाभुलगांव), काल्या उर्फ नितेश मडावी, दिलीप ठवकर, अर्जुन भांज्या (सभी दिघोरी नाका, नागपुर) यह अपराध दर्ज हुए आरोपियों के नाम है. अक्षय राठोड व उसका दामाद करण रणजित परोपटे की रेती के व्यवसाय में पार्टनशिप थी. बाभुलगांव तहसील की रेती घाट पर उन्होंने अपना साम्राज्य खडा किया. उनके अनुमति के बगैर कोई भी वहां से रेत नहीं ले जा सकता था. इस व्यवसाय से पुलिस का सिरदर्द कम और उत्पन्न ज्यादा, आर्थिक लाभ भी ज्यादा रहने से कुछ ही दिनों में आर्थिक रुप से टूटा हुआ अक्षय मालामाल हुआ था. करण परोपटे की अक्षय के साथ बैठके होने लगी थी. इसी में करण के अक्षय की बहन आभा के साथ प्रेम संबंध जुड गए. अक्षय के विरोध में जाकर आभा ने करण के साथ विवाह किया. यहीं से अक्षय व करण के बीच दुरिया बढना शुरु हुआ फिर भी अक्षय अनेकों मामले में गिरफ्तार होने के बाद उसकी जमानत के लिए करण ने बार बार प्रयास किये. कुछ दिनों पहले पुणे से मोका के मामले में अक्षय राठोड को यवतमाल पुलिस ने गिरफ्तार किया. उसे औरंगाबाद जेल में रवाना किया गया. रेत का साम्राज्य अब अकेले करण परोपटे हडप करेगा, ऐसा संदेह निर्माण किया गया. इसमें बगिरा और उसके अन्य साथी सफल हुए. उन्होंने जेल में रहने वाले अक्षय की औरंगाबाद में जाकर भेंट की. वहीं पर करण का खात्मा करने की साजिश रची गई. संधी मिलते ही स्टेट बैंक चौक पर तिक्ष्ण हथियार से व गोलियां दागकर बुधवार रात करण परोपटे की हत्या की गई. इससे बाभुलगांव-धामणगांव मार्ग पर फिर एक अपराध की नोंद हुई. अब नए सिरे से एन्ट्री किसकी इसपर अनेकों की नजरें लगी है.

अनिकेत के साथ नजदिकी खटक गई

करण परोपटे, अनिकेत गावंडे व अक्षय की बडी बहन आशा मोरे, आभा परोपटे यह साथ में खाना खाने के लिए गए थे. 5 जून को इसपर बगिरा व उसके अन्य साथियों ने विवाद करते हुए आशा मोरे को धमकी दी थी. इसमें करण ने मध्यस्थता कर विवाद छोडा था. वहीं से करण पर नजर रखी जा रही थी.

करण को अपराधियों से दोस्ती भारी पडी

यवतमाल शहर समेत जिले में अपराधियों की प्रतिमा जानबुझकर आयकॉन की तरह समाज के सामने लायी जाती है. इससे नाबालिग लडके प्रभावित होते है. इसी तरह से बाभुलगांव तहसील के राणी अमरावती इस छोटेसे गांव में रहने वाला करण रणजित परोपटे प्रभावित हुआ. वह कुख्यात अक्षय राठोड के संपर्क में आया. भाई का प्रभाव उसपर हुआ. करण ने स्वयं होकर कोई भी अपराध नहीं किया. किंतु दहशत के साम्राज्य की उसे आदत लग गई और वह अपराधों के दलदल में फंसते गया. आखिर उसी विश्व ने जिनके साथ उसने अपराध जगत में पदार्पण किया, उन्होंने ही उसका घात किया. अपराधी का अंत यह काफी भीषण होता है, यह फिर एक बार सिध्द हुआ.

बुधवार दोपहर से ही करण पर नजर

अपने हत्या की साजिश रची गई है, इसकी पूर्व कल्पना करण परोपटे ने पत्नी आभा को बता दी थी. बुधवार दोपहर 1 बजे से गौरव गजबे, प्रवीण तेराम यह चांदोरे नगर स्थित घर पर नजर रखे हुए थे. करण परोपटे यह रोशन गोले व अन्य एक साथी को लेकर स्टेट बैंक चौक पर तलाठी से मिलने के लिए गया तब उसको गोलियां दागकर हत्या की गई.

एलसीबी के दल ने दो को लिया हिरासत में

अक्षय राठोड की गिरफ्तारी के बाद उसके साथियों में खलबली मच गई. एक दूसरे पर अविश्वास और संयम बढते गया. शुरुआत में अक्षय का विश्वासू रहने वाला अनिकेत गावंडे व रोशन गोले उर्फ लैपटॉप यह बाजू में हट गए. बहन के साथ विवाद कर परिवारिक सदस्य बने करण को इससे बढावा मिला. किंतु करण के अनिकेत व रोशन गोले के साथ भी मित्रत्व के संबंध थे. यही बात उसके लिए खातक साबित हुई. इस गिरोह में अंतर्गत कानाफूसी शुरु रहने की भनक पुलिस तक थी. एक्शन न होने से रियाक्शन नहीं दी गई. हत्या की घटना के बाद एलसीबी के दल ने गुरुवार को तडके धीरज उर्फ बेंड और दिनेश तुरकाने इन दोनों को हिरासत में लिया. उनके पास से देशी कट्टा भी जब्त किये जाने की जानकारी है. किंतु इस बाबत पुलिस अधिकृत बोलना टाल रही है.

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