दारव्हा के मुकेश चौधरी ने चेन्नई सुपर किंग्ज में बनाई अपनी जगह
सामान्य परिवार से वास्ता रखनेवाले मुकेश की शानदार उपलब्धि
* अब आयपीएल में अपना क्रीडा कौशल्य दिखायेगा मुकेश
यवतमाल/दि.15– जिले की दारव्हा तहसील में रहनेवाले एक बेहद सामान्य परिवार से निकले मुकेश दीपक चौधरी नामक युवा क्रिकेटर ने आयपीएल तक का सफर तय किया है. इस बार के इंडियन प्रीमियर लीग हेतु हुई नीलामी में मुकेश चौधरी को चेन्नई सुपर किंग्ज की टीम ने करीब 20 लाख रूपये की बोली लगाकर खरीदा है. ऐसे में मुकेश चौधरी ने अपनी उपलब्धि से दारव्हा सहित समूचे यवतमाल जिले एवं विदर्भ क्षेत्र का नाम रोशन किया है.
बता दें कि, दीपक चौधरी के पिता गोपाल चौधरी करीब 35 वर्ष पूर्व रोजी-रोटी की तलाश में राजस्थान से दारव्हा आकर बस गये और ब्लास्टिंग का व्यवसाय करना शुरू किया. चूंकि पारिवारिक स्थिति के चलते गोपाल चौधरी खुद अपनी पढाई-लिखाई पूरी नहीं कर पाये थे. अत: उन्होंने अपने दोनों बच्चों राजेश व मुकेश को पढाने-लिखाने में कोई कोरकसर नहीं छोडी. चूंकि दारव्हा में सभी शालाएं मराठी माध्यमवाली थी. अत: बच्चों को पढने-लिखने में कुछ दिक्कतें आती थी. जिसके चलते उन्होंने दोनोें बच्चों को पढाई-लिखाई के लिए बडे शहर में भेजा. आज उनका बडा बेटा राजेश चौधरी दिल्ली में एमबीबीएस पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष की पढाई कर रहा है. वहीं पुणे में रहनेवाले मुकेश को पहले से क्रिकेट खेलने का शौक था और वह पढाई करने के साथ ही क्रिकेट खेलने की प्रैक्टिस भी करता था. साथ ही उसने डेक्कन जिमखाना क्लब में ट्रेनिंग प्राप्त करते हुए धीरे-धीरे क्रिकेट स्पर्धाओं में खेलना शुरू किया और उसे रणजी ट्रॉफी स्पर्धा के लिए चुना गया. मुकेश अब तक महाराष्ट्र की ओर से रणजी ट्रॉफी में करीब 30 मैच खेल चुका है. साथ ही आयपीएल जैसी स्पर्धा में अपने खेल कौशल्य कास प्रदर्शन करते हुए एक दिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करने की इच्छा के चलते मुकेश ने लगातार अपनी प्रैक्टिस जारी रखी. जिसके दम पर आज वह चेन्नई सुपर किंग्ज टीम का हिस्सा बन गया है. जहां पर उसे कई बडे व दिग्गज क्रिकेटरों के साथ खेलने और प्रैक्टिस करने का अवसर मिलेगा.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहने के बावजूद गोपाल चौधरी ने अपने बच्चों की पढाई-लिखाई में कोई कोरकसर नहीं छोडी. साथ ही उन्होंने छोटे बेटे मुकेश को क्रिकेट जैसे महंगे खेल के प्रशिक्षण हेतु प्रोत्साहन भी दिया. जिसकी वजह से आज मुकेश चौधरी ने क्रिकेट जगत में सफलता के झंडे गाडकर अपने माता-पिता सहित यवतमाल जिले और पूरे विदर्भ क्षेत्र का नाम रोशन किया है. जिसके लिए सभी स्तरों पर मुकेश चौधरी का अभिनंदन किया जा रहा है.