राज्य के 22 जिलो में लडकियों के जन्मदर में गिरावट
स्त्रीभ्रूण हत्या रोकने के लिए लगातार हो रहे जनजागरण के बावजूद गर्भपात
यवतमाल/दि.20– स्त्रीभ्रूणहत्या रोकने के लिए होने वाला जनजागरण, लिंगनिदान पर पाबंदी पर कानून के मुताबिक कार्रवाई का भय रहने के बावजूद लडकियों के गर्भपात होते रहने की घटनाएं लगातार घटित हो रही हैं. परिणामस्वरुप राज्य के 22 जिलो में लडकियों के जन्मदर में गिरवट आई हैं. लडका ही होने की जिद्द में गर्भपात किए जा रहे हैं. दो साल में लडकियों का जन्मदर काफी चिंताजनक हैं.
एक तरफ लडकी का जन्म होने पर जोरदार स्वागत किया जाता हैं. वहीं दूसरी तरफ परिवार को वंश चलाने लडका चाहिए, इसी मंशा में गर्भपात की घटनाएं बढ रही हैं. राज्य परिवार कल्याण कार्यालय पुणे में हुई बैठक में राज्य के लिंग गुणोत्तर प्रमाण की समीक्षा की गई. इसमें यह आकडेवारी सामने आई हैं.
* उपाययोजना की जरुरत
लडकी के जन्म को प्रोत्साहन मिलने के लिए विविध उपाययोजना की आवश्यकता हैं. इसके अलावा पीसीपीएनडीटी कानून पर कडाई से अमल करने की भी आवश्यकता हैं. सोनोग्राफी सेंटर की समय-समय पर जांच होनी चाहिए. इस कानून अमल होने के लिए स्वास्थ यंत्रणा को सतर्क रहने की जरुरत हैं. इसके लिए समन्वयक भी नियुक्त हैं. प्रत्येक जिले में कितने सोनोग्राफी सेंटर हैं, इसकी जानकारी उपसंचालक स्तर पर ली जाती हैं.
* प्रशासन ने ली दखल
गर्भलिंग निदान और लडकियों का गर्भपात भारी मात्रा में होता रहने की घटनाओं को देखते हुए शासन ने इसे गंभीरता से लिया हैं और आवश्यक उपाययोजना करने के निर्देश दिए रहने की जानकारी परिवार कल्याण माता बाल संगोपन व शालेय स्वास्थ सेवा उपसंचालक डॉ. रेखा गायकवाड (पुणे) ने दी हैं.
* जिलानिहाय घटता प्रमाण
जिला 2019 2022 गिरावट
जालना 1022 854 168
अकोला 952 902 50
नांदेड 956 907 49
नंदुरबार 963 857 47
सांगली 906 857 49
सिंधुदुर्ग 961 950 11
लातूर 930 918 12
सोलापुर 923 911 12
नाशिक 910 897 13
गडचिरोली 954 940 14
अहमदनगर 893 879 14
नागपुर 942 923 19
धुले 903 883 20
परभणी 930 910 20
अमरावती 952 930 22
छ. संभाजी नगर 909 886 23
रायगड 955 924 31
यवतमाल 932 893 39
धाराशिव 913 874 39
भंडारा 945 905 40
गोंदिया 989 947 42
रत्नागिरी 953 911 42