यवतमाल/ दि.27– लडकी बीमार है, उसका इलाज कराने के लिए छुट्टी चाहिए, इस वजह से आवेदन किया. मगर छुट्टी मंजूर न होने के कारण इलाज नहीं करा पाये, इस वजह से बेटी की आँखों के सामने मौत हो गई. इस घटना के लिए डिपो प्रमुख पूरी तरह से जिम्मेदार होने के कारण उसके खिलाफ अपराध दर्ज किया जाए, ऐसी मांग करते हुए बेटी की लाश सीधे दिग्रस डिपो में ले गए. एसटी चालक के आक्रमक रुप को देखकर तनाव की स्थिति निर्माण हो गई थी. पुलिस ने बीच बचाव किया, जिससे मामला शांत हुआ.
किशोर राठोड दिग्रस डिपो में चालक के रुप में कार्यरत है. उनकी 14 वर्षीय विकलांग बेटी पिछले कुछ माह से बीमार थी. कुछ दिनों में उसकी हालत अधिक बिगड गई. उसके कारण राठोड ने डिपो व्यवस्थापक संदीप मडावी को छूट्टी का आवेदन दिया, मगर किसी कारण से छुट्टी मंजुर नहीं हुई, इस वजह से इलाज नहीं करा पाये, ऐसा आरोप राठोड ने लगाया. गुरुवार को बेटी की मृत्यु होने के कारण नाराज हुए राठोड पत्नी के साथ बेटी की लाश लेकर सीधे दिग्रस डिपो पहुंचा. यह देखकर अन्य बस चालक व वाहक इकट्ठा हो गए. उन्होंने डिपो व्यवस्थापक के खिलाफ कार्रवाई होने तक अंत्यसंस्कार नहीं करने की भूमिका अपनाई, जिसके कारण कुछ देर के लिए तनाव की स्थिति निर्माण हुई. पुलिस ने जांच करने का आश्वासन दिया, तब जाकर मामला सुलझा.