यवतमाल

किसानों ने मनाई काली दिवाली

शासन आपके द्वार और सोयाबीन पडा घर के नारे लगाए

* तहसील कार्यालय के सामने शिवसेना उबाठा ने आंदोलन कर किया सरकार का निषेध
यवतमाल/दि.14– राज्य व केंद्र सरकार केवल घोषणा ही कर रही है. जिले समेत संपूर्ण राज्य के किसान दुविधा में है. साढे चार लाख किसानों में से केवल 59 हजार लोगों को फसल बीमा का लाभ मिला. इस बात का ढिंढोरा भी स्थानीय पालकमंत्री कर रहे है. शासन की उदासिनता का निषेध करने के लिए ठाकरे गुट के शिवसैनिकों ने दिवाली के दिन निषेध आंदोलन किया. उन्होंने शासन आपके द्वार और सोयाबीन पडा घर में समेत सरकार विरोधी अनेक नारे लगाते हुए राज्य शासन का निषेध किया.

शासन का किसानों की समस्या की तरफ ध्यान केंद्रीत करने के लिए शिवसैनिकों ने काली दिवाली मनाई. इस आंदोलन में तहसील के किसान बडी संख्या में शामिल हुए. केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से किसानों के लिए घोषित की गई योजना और घोषणा झूठी रही. वर्तमान में किसान अतिवृष्टि का सामना कर हलाकान हो गए है. किसानों के हाथ फसल न लगी रहते हुए भी जिले की फसल पैदावारी 50 प्रतिशत से अधिक निकाली गई है. सोयाबीन, कपास की फसल तो किसानों के हाथ ही नहीं लग पाई है. दूसरी तरफ फसल बीमा का लाभ भी नहीं मिल पाया है. कृषिमाल को शासन गारंटी दाम देने तैयार नहीं है. केवल शासन आपके द्वार का दिखावा कर जनता के पैसो को बर्बाद कर अपने प्रचार, प्रसिद्धि पर ही ध्यान केंद्रीत रखा जा रहा है. इस अवसर पर किसान बबनराव घुले ने अपनी व्यथा रखते हुए दिवाली के दिन चटनी-रोटी खाकर शासन का निषेध किया. जिला प्रमुख कल्पना दरवई ने आंदोलन स्थल पर झुनका-भाकर न ठेचा तैयार किया. इस आंदोलन में जिला प्रमुख राजेंद्र गायकवाड, संतोष ढवले, प्रवीम पांडे, प्रवीण शिंदे, गजानन डोमाले, किशोर इंगले, संजय रंगे, अतुल गुल्हाने, विनोद पवार, गजानन पाटिल, संजय कोल्हे, चंद्रकांत उडाखे, संदीप सरोदे, सिकंदर शाह, राजिक खान, एड. श्रीकांत माकोडे समेत शिवसैनिक व किसान बडी संख्या में उपस्थित थे.

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