* मुख्य आरोपी की खोज के लिए 5 पथक रवाना
यवतमाल/दि.30– महागाव तहसील में भोसा रेती घाट पर वर्चस्व विवाद से सुबह 11 बजे के लगभग दो गुट में मारपीट हुई. अनेक लोग घायल हो गये. हवा में गोली चलाने के कारण परिसर अस्त व्यस्त हो गया. घटनास्थल पर 20 से 25 राउंड फायर होने की जानकारी है. पुलिस ने घटनास्थल से चार राउंड खाली, तथा दो जीवित कारतूस जब्त किए है. चार आरोपियों को हिरासत में लिया है. मुख्य आरोपी सहित 20 से 25 आरोपियों की खोज के लिए पुलिस के पांच पथक तैयार किए गये है. आरोपी की खोज की जा रही है.
महागांव तहसील के भोसा व आर्णी तहसील के साकुर घाट के रास्ते पर रेती उपसा और यातायात के विवाद से दो गुट में जोरदार मारपीट हुई. अंधेरी रात में हवा में गोली चलाई. मुख्य आरोपी अंजुम लाला ने फिर्यादी को घटनास्थल मारपीट की व उसी दिशा में राउंड फायर करने की फिर्याद सुरेश उर्फ कृष्णा ढाले ने महागांव पुलिस में दर्ज की. इस फिर्यादी की शिकायत से अंजूम लाला व 20-25 लोगों के खिलाफ पुलिस ने शुक्रवार की अपराध दर्ज किया है. घटनास्थल से एक कार, 6 मोटरसाइकिल पुलिस ने जब्त की. घटना की जानकारी मिलते ही अपर पुलिस अधीक्षक पीयूष जगताप ने घटनास्थल को भेंट दी. गंभीर घटना होने के बाद भी स्थानीय प्रभारी पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर उपस्थित न होने के कारण जगताप ने खेद व्यक्त किया है. ऐसी जानकारी है.
महागांव में सहायक पुलिस निरीक्षक मिलिंद सरकाटे यह रात 12 बजे कर्मचारियों सहित पहुंचे थे. उमरखेड के उपविभागीय पुलिस अधिकारी हनुमंत गायकवाड रात से घटनास्थल पर ठिया जमाकर बैठे है. घटना की गंभीरता को देखकर जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. पवन बनसोड ने घटनास्थल को भेंट देकर जांच की व आरोपी की खोज के लिए पांच पथक तैयार किए. स्थानीय अपराध शाखा के पथक ने चार आरोपियों को रात को ही गिरफ्तार किया. धारा 307, 324, 341, 143, 144, 146, 147, 149 सहित धारा 3(25), महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम 135 नुसार आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है.
शासन और उच्च न्यायालय ने दिए गये निर्देर्शो को कुचलकर रेती का व्यवसाय शुरू है. उस स्पर्धा की ओर स्थानीय तहसील अनदेखा किए जाने की शिकायत जिलाधिकारी कार्यालय में की गई हैै. राजस्व प्रशासन इस घटना पर चुप्पी साधे हुए है. तहसील के कानून और सुव्यवस्था स्थानीय पुलिस प्रशासन के राजस्व प्रशासन व राजस्व प्रशासन के हद से बाहर होने के कारण जनता में खेद व्यक्त किया जा रहा है. राजकीय नेतृत्व कम होने से जनता में सत्ताधारियों के विरूध्द नाराजी व्यक्त हो रही है.