यवतमाल

रायगढ और शिवनेरी शाला में बनाए गए किले

विद्यार्थियों की कल्पकता

* दिवाली निमित्त आकर्षित करती है ‘शिव वैभव’ स्पर्धा
यवतमाल/दि.13– दिवाली यानि सज्जनों का उत्सव और बालकों का दिल यानि कल्पकता की खान. इन दोनों को मिलाकर यवतमाल जिले की शालाओं में छत्रपति शिवाजी महाराज के किले साकार किए गए हैं. विद्यार्थियों ने घर में बची सीमेंट, ईट, पुराने बोरे, रेती, रंग, जाडे पुठ्ठे का इस्तेमाल कर अपनी शालाओं में इन किलो का निर्माण किया है. शिक्षण विभाग की यंत्रणा अब प्रत्यक्ष शालाओं में भेंट देकर इन किलों का जायजा कर रही है.

जायजा करते समय एक शाला में पहुंचने पर शिवनेरी देखने मिलती है. दूसरी शाला में जाते ही प्रतापगढ देखने मिलता है और तीसरी शाला में यह यंत्रणा पहुंचने पर रायगढ के दर्शन होते है. सिंदुदुर्ग, राजगढ आदि शिवाजी महाराज के किलो की प्रतिकृति विद्यार्थियों ने साकार की है. दिवाली निमित्त नेर के गटविकास अधिकारी राजीव शिंदे, गट शिक्षणाधिकारी मंगेश देशपांडे के मार्गदर्शन में इस उपक्रम का शाला में आयोजन किया गया. ‘दिवाली सभी की’ इस उपक्रम के तहत विद्यार्थियों के लिए आकाशदीप बनाना, शुभेच्छा कार्ड बनाना, दीप सजावट, तोरण तैयार करना, मान्यवरों को शुभेच्छा संदेश भेजना आदि स्पर्धा का आयोजन किया गया. शिवकालीन इतिहास को उजाला देने के लिए शिव वैभव किला निमिर्ति स्पर्धा ली गई. इसमें विद्यार्थियों ने अपने कला गुणों से कमाल कर दिखाया. इस उपक्रम के लिए शिक्षण विस्तार अधिकारी मिनेश काकडे, गट समन्वयक विजय घुरट, सभी बीआरसी प्रतिनिधि, समावेशिक विशेषज्ञ, आईडी विशेषज्ञ का सहयोग मिला.

* नई पीढी के सामने शिवकालीन इतिहास प्रस्तुति का प्रयास
शिव वैभव किला निमिर्ति स्पर्धा में शामिल शालाओं ने प्राथमिक व उच्च प्राथमिक गट में विविध किलो की प्रतिकृति साकार की. इस माध्यम से नई पीढी के सामने शिवकालीन इतिहास प्रस्तुति का प्रयास किया गया. इन किलो का परीक्षण प्रत्यक्ष में किया गया. विजेता शालाओं को समारोहपूर्वक जल्द पुरस्कार वितरित किए जाएंगे.
– मंगेश देशपांडे,
गट शिक्षणाधिकारी नेर

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