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पलभर में करीब ‘१६ वार’ किये थे
यवतमाल – गैंगवार में कुख्यात गुंडे देविदास चव्हाण की बुधवार की दोपहर बीच रास्ते में बेरहमी से हत्या की गई थी. दारव्हा मार्ग पर हुई इस वारदात में विरोधी गिरोह के चार हत्यारों ने धारदार हथियारों से पलभर में सपासप १६ वार कर देविदास को घटनास्थल पर ही मार डाला. पुलिस ने इस मामले में तेजी से तहकीकात करते हुए कल गुरुवार के तडके लाशिना परिसर में अल्टो कार के साथ चारों हत्यारों को गिरफ्तार करने के साथ ही हत्या में उपयोग की गई सेंट्रो कार भी बरामद कर ली है.
सिध्दार्थ उर्फ सिध्दू रामदास वानखडे (२६), दिपक उर्फ भैया राममनोहर यादव (३५), सिध्दांत राजेश रावेकर (२८, तीनों देविनगर लोहारा) और अजय धर्माजी वासनिक (२४, शिवाजी नगर लोहारा) यह गिरफ्तार किये गए चारों हत्यारों का नाम है. देविदास निरंजन चव्हाण (२७, उद्योग नगर) यह दिनदहाडे बीच रास्ते हमले में मरने वाले कुख्यात गुंडे का नाम है. आरोपियों ने पलक झपकते ही चाकू और सत्तुर से सपासप १६ वार कर जगह पर ही मार डाला. हत्या करने के बाद चारों आरोपी फरार हो गए. पुलिस आरोपियों की तलाश करने लगी. घटना में उपयोग की गई सेंट्रो कार क्रमांक एमएच ३१/एजी ६२१४ कांच फुटे अवस्था में यहां के पांढरकवडा मार्ग स्थित एक गैरेज से बरामद की गई. इस समय मैकेनिक ने बताया कि कुछ देर पहले ही भैया यादव ने वह कार मरम्मत के लिए वहां छोडी है. इसपर भैया यादव गांव में ही होने का अनुमान पुलिस ने लगाया.
घटना के बाद शाम के वक्त भैयालाल यादव को पुलिस ने लोहारा परिसर से ही गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद थानेदार सचिन लुल्ले व पुलिस की टीम ने उससे कडी पूछताछ की तब भैया यादव ने हत्या करने की बात कबूल की और उस हत्या में शामिल तीन साथी अल्टो कार क्रमांक एमएच २९/आर १४८३ से फरार हो गए ऐसी जानकारी दी. इस दौरान कल तडके तीनों हत्यारे उसी अल्टो कार से अमरावती की ओर भाग रहे है, ऐसी जानकारी लोहारा पुलिस को मिली तब पुलिस ने लाशिना में जाल बिछाकर तीनों हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया है.
अंत्यसंस्कार में कुख्यात भाई दुर्गादास भी उपस्थित
करीब चार माह पूर्व दारव्हा मार्ग पर ही सोहेल उर्फ मायाभाई इस यादव गिरोह से संबंधित सदस्य की बेहरमी से हत्या की गई थी. इस मामले में मुख्य आरोपी दुर्गादास निरंजन चव्हाण को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. फिलहाल वह जेल की सलोखों के पीछे है. दुर्गादास मृतक देविदास का बडा भाई है. देविदास की हत्या के बाद रिश्तेदारों ने दुर्गादास को अंतिम संस्कार में शामिल करने के लिए अदालत में विनंती आवेदन किया था, जिसे अदालत ने मान्य करते हुए पुलिस की सुरक्षा में दुर्गादास को उसके भाई के अंतिम संस्कार में लाया गया था.
तनाव की स्थिति में अंत्यसंस्कार
पोस्टमार्टम गृह में सुबह देविदास की लाश पोस्टमार्टम के लिए लायी गई. इसके बाद लाश रिश्तेदारों को सौंपी गई. देविदास की लाश उद्योग नगर स्थित निवास स्थान पर लाते ही रिश्तेदार, समर्थक और देखने वालों की जबर्दस्त भीड उमड गई थी. लोहारा पुलिस ने इस समय तगडा बंदोबस्त लगाया था. देरा शाम के वक्त देविदास के पार्थिव पर लोहार स्थित स्मशान भूमि में तनावपूर्ण वातावरण में अंतिम संस्कार किया गया.