यवतमाल

नौकरी का झांसा देकर 25 लाख की जालसाजी

शिकायत के बावजूद पुलिस का प्रतिसाद नहीं

  • ठगे गये युवकोें ने ही ठगबाज को पकडा

यवतमाल प्रतिनिधि/दि.२६ – स्वास्थ्य विभाग में नौकरी लगा देने की बात करते हुए हर एक उम्मीदवार से पांच-पांच लाख रूपये के हिसाब से पांच बेरोजगार युवकों से 25 लाख रूपये लेनेवाले पिता-पुत्र की ठगबाज जोडी का उस समय भंडाफोड हुआ, जब उनके द्वारा दिये गये नियुक्ती पत्र पर भरोसा करते हुए पांचों बेरोजगार युवक अपने काम पर उपस्थित होने हेतु अकोला पहुंचे और उन्हें पता चला कि, उन्हें दिया गया नियुक्ती पत्र फर्जी है. पश्चात इन सभी युवकोें ने अवधूतवाडी पुलिस स्टेशन पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज करायी. लेकिन पुलिस ने इस मामले को बिल्कुल भी गंभीरता से नहीं लिया है. जिसके बाद इन सभी युवकों ने खुद ही रविंद्र गावंडे नामक एक ठगबाज को उसके घर से उठाकर पुलिस थाने लाया और पुलिस के हवाले किया.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक देउरवाडा निवासी रविंद्र गणपत गावंडे (65) और अमरावती के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत उसके बेटे सूरज रविंद्र गावंडे ने यवतमाल में अपने कई परिचित बेरोजगार युवकोें को बताया कि, स्वास्थ्य विभाग में स्वास्थ्य सेवकोें के 3 और कनिष्ठ लिपीक के 2 पद रिक्त पडे है. साथ ही उनकी अकोला स्थित स्वास्थ्य उपसंचालक कार्यालय सहित मुंबई स्थित स्वास्थ्य मंत्रालय में ‘सेटिंग’ है, और वे 5 लाख रूपये मिलने पर नौकरी लगवा सकते है. उनकी बात पर भरोसा करते हुए यवतमाल के अलग-अलग परिसर में रहनेवाले पांच युवकों ने उन्हेें पांच-पांच लाख रूपये लाकर दिये. जिसके बाद आरोपी पिता-पुत्र ने उन्हेें हुबहू स्वास्थ्य उपसंचालक कार्यालय की तरह दिखाई देनेवाले लेटर पैड पर स्वास्थ्य उपसंचालक के फर्जी हस्ताक्षर व मूहर के साथ नियुक्ती पत्र सौंपे. जिन्हेें लेकर पांचों युवक बडे हंसी-खुशी अपनी नियुक्तिवाले जगहों पर पहुंचे. किंतु उन्हें वहां जाकर पता चला कि, उन्हें दिया गया नियुक्ती पत्र पूरी तरह से फर्जी है. जिसके बाद उन्हेें अपने ठगे जाने का एहसास हुआ और उन्होंने अवधूतवाडी पुलिस थाने पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज करायी. लेकिन पुलिस ने इस मामले में कोई कदम नहीं उठाये. जिसके बाद इन बेरोजगार युवकोें ने सोमवार के तडके 4 बजे रविंद्र गावंडे के घर जाकर उसे नींद से उठाया और उसे उसकी पत्नी सहित अवधूत वाडी पुलिस थाने लाकर जमा कराया. साथ ही ठगबाजी का शिकार हुए विशाखा उभाड, योगिता बुटके, संजय शेलके, मयूर डवरे व निशांत वाघमारे सोमवार की सुबह 7-8 बजे तक थाने में ही ठिय्या लगाये बैठे थे, लेकिन उनकी बात सुनने के लिए वहां पर कोई भी अधिकारी उपस्थित नहीं था, बल्कि ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों ने पीडितों को ही डांटडपट करना शुरू कर दिया. इसी समय रविंद्र गावंडे ने आरोप लगाया कि इन सभी ने उसके साथ मारपीट की है. जिसे बेहद गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने रविंद्र गावंडे को स्वास्थ्य जांच हेतु भिजवाया. ऐसे में यहां पर यह चर्चा जोर पकड रही है कि, कहीं बेरोजगारोें के साथ ठगी करनेवाले रविंद्र गावंडे को पुलिस द्वारा बचाने का प्रयास तो नहीं किया जा रहा. अत: अब सभी का ध्यान इस ओर लगा हुआ है कि, इन पांच बेरोजगारों सहित अन्य कई बेरोजगारों को अपनी ठगी का शिकार बनानेवाले गावंडे पिता-पुत्र के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है.

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