यवतमाल

पहली कक्षा में प्रवेश के लिए निश्चित उम्र कितनी?

स्कूल व पालकों में संभ्रम की स्थिति

यवतमाल/दि.4– पहली कक्षा में प्रवेश लेने के लिए बालकों की उम्र कितनी होनी चाहिए, इस बाबत शिक्षा संचालकों ने हाल ही में एक आदेश निर्गमित किया है. इसमें पहली कक्षा के लिए आयु मर्यादा साढ़े सात वर्ष किए जाने से स्कूल व पालकों में संभ्रम निर्माण हुआ है. साढ़े सात वर्ष के बच्चों को इस बार पहली कक्षा में डालने पर उनकी शैक्षणिक उम्र के दो वर्ष बेकार जायेंगे नहीं क्या, ऐसा प्रश्न उपस्थित किया जा रहा है.
फिलहाल आरटीई के अनुसार 25 प्रतिशत आरक्षित जगह पर प्रवेश प्रक्रिया शुरु है. इस प्रक्रिया का कितने वर्ष आयु के बालक लाभ ले सकेंगे, इस पर पालकों में संभ्रम था. वहीं स्वयं शिक्षा विभाग में भी एकमत नहीं था. जिसके चलते आरटीई के लिए ऑनलाईन आवेदन भरते समय गड़बड़ी होती थी. उसे दूर करने के लिए शिक्षण संचालक दिनकर टेमकर ने सोमवार को विद्यार्थियों की आयु मर्यादा स्पष्ट करने वाला सुधारित आदेश निर्गमित किया. जिसके अनुसार प्ले ग्रुप या नर्सरी में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की उम्र 4 वर्ष 5 महीने 30 दिन होनी चाहिए. जुनिअर केजी के लिए यह आयु मर्यादा 5 वर्ष 5 महीने 30 दिन तो सीनिअर केजी के लिए 6 वर्ष 5 महीने 30 दिन होनी चाहिए. इसी आदेशानुसार कक्षा पहली में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की उम्र 31 दिसंबर 2022 को 7 वर्ष 5 महीने 30 दिन पूर्ण होनी चाहिए.
इस सुधारित आयु मर्यादा पर से शालाओं में ज्यादा गड़बड़ी बढ़ी है. साढ़े सात वर्ष का हुए बगैर एकाध विद्यार्थी को पहली में प्रवेश न दिया जाये, ऐसा इस आदेश का अर्थ अनेकों ने लगाया है. फिर इस बार सिनिअर केजी के विद्यार्थियों को पहली में प्रवेश लेने के लिए और एक वर्ष रुकना पड़ेगा. बावजूद इसके साढ़े सात वर्ष का होने के बाद पहली कक्षा में प्रविष्ट होने वाला विद्यार्थी जब दसवीं कक्षा में जायेगा तब वह 18 वर्ष का होगा. इस सुधारित आदेश से पूर्व राज्य शासन के ही 18 सितंबर 2020 के शासन आदेशानुसार 6 वर्ष पूर्ण किये विद्यार्थियों को पहली में प्रवेश मिलता था वह 16 वें वर्ष में दसवी पूर्ण करता था. लेकिन अब उसके शैक्षणिक उम्र के दो वर्ष बेकार जाने वाले है.
शिक्षा संचालकों के सुधारित आदेश सिर्फ आरटीई की प्रवेश प्रक्रिया के लिए ही मर्यादित है या आरटीई के अतिरिक्त नियमित प्रवेश के लिए वह लागू है. इस पर से संभ्रम बढ़ा है. इस बाबत शिक्षा विभाग की ओर से भी अब तक कोई स्पष्टीकरण न होने से अनेक शालाओं की प्रवेश प्रक्रिया बााधित हुई है.

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