यवतमाल

बच्चा दिव्यांग पैदा हुआ तो, डॉक्टरों पर लगा 40 लाख का जुर्माना

ग्राहक आयोग ने इलाज व निदान में लापरवाही के आरोप को माना सही

यवतमाल/दि.25– गर्भवती महिला की प्रसूतिपूर्व स्वास्थ्य जांच में लापरवाही किए जाने की वजह से दिव्यांग बच्चा जन्मा है. इसे लेकर दर्ज शिकायत के आधार पर ग्राहक आयोग ने यवतमाल के दो डॉक्टरों पर 40 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है और जुर्माने की राशि क्षतिपूर्ति मुआवजे के तौर पर शिकायतकर्ता व्यक्ति को देने का आदेश जारी किया है.
जानकारी के मुताबिक आर्णी निवासी श्रीकांत राठोड की पत्नी मनीषा राठोड गर्भवती रहते समय डॉ. अर्चना वीरेंद्र राठोड नामक स्त्री रोग विशेषज्ञ से अपना इलाज करवा रही थी और उन्होंने डॉक्टर अर्चना राठोड की सलाह के अनुसार डॉ. आशीष लोहिया के मंगलमूर्ति डायग्नोस्टिक सेंटर में अपनी सोनोग्राफी करवाई थी. उस समय मनीषा राठोड के गर्भ में पल रहा बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ रहने और उसमें किसी भी तरह का कोई व्यंग नहीं रहने की बात डॉक्टर ने कहीं थी. परंतु प्रसूति पश्चात जन्म नवजात बच्चे के दोनों हाथों के पंजे में केवल 4-4 उंगलियां थी और उसके पैर में हड्डी ही नहीं थी. इसके अलावा पैर और पैर के पंजे की उंगलियां भी व्यवस्थित नहीं थे. ऐसे में प्रसूतिपूर्व परिक्षण एवं मरीज के इलाज में लापरवाही व कोताही किए जाने का आरोप लगाते हुए नुकसान भरपाई मिलने हेतु श्रीकांत राठोड ने यवतमाल जिला ग्राहक निवारण आयोग में गुहार लगाई थी. जिनके पक्ष को तर्कसंगत बताते हुए ग्राहक आयोग ने डॉ. अर्चना राठोड व डॉ. लोहिया के नाम आदेश जारी किया कि, वे श्रीकांत राठोड को 20-20 लाख रुपए ऐसे कुल 40 लाख रुपए का मुआवजा प्रदान करें. साथ ही उन्हें हुई शारीरिक व मानसिक तकलीफ के लिए 10-10 हजार रुपए एवं मामले की शिकायत व सुनवाई पर हुए खर्च की एवज में 3 हजार रुपए भी प्रदान करें.

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