यवतमाल/दि.5- प्रदेश के दवा मंत्री संजय राठोड ने शिवसेना विभाजन के लगभग 1 वर्ष बाद खुलासा किया कि वे तो उद्धव ठाकरे गट में ही रहना चाहते थे. पहले गुवाहाटी भी नहीं गए थे. किंतु धर्मगुरु के फोन आने और उनके कहने पर ही उन्होंने शिंदे गुट में जाने का निर्णय कर गुवाहाटी का विमान पकडा.
रविवार दोपहर यहां बंजारा समाज के एक बडे सम्मेलन में बोलते हुए संजय राठोड ने सत्ता संघर्ष के दौर में क्या-क्या हुआ, इसका खुलासा किया है. राठोड ने कहा कि, उन्होंने उद्धव ठाकरे के साथ बने रहने का निर्णय किया था. वे उधर अर्थात शिंदे गट की तरफ नहीें गए. अचानक उन्हें धर्मगुरु महंत बाबूसिंह महाराज का फोन आया. महंत जीतेंद्र महाराज का भी फोन आया. सभी महंतों के और समाज के अनेक नेताओं के फोन आए. मुझे कहा गया कि, तू जिनके साथ ही वे अब सत्ता में नहीं आएंगे. पोहरा देवी का विकास और बंजारा समाज के मसले हल करने तुझे उनके साथ अर्थात शिंदे गट की तरफ जाना पडेगा. राठोड ने दावा किया कि महंत बाबूसिंह महाराज ने उन्हें अनुमति दी फिर वे गुवाहाटी गए.
इस बारे में महंत बाबूसिंह महाराज ने एक समाचार चैनल से बातचीत में अपने और महंत की भूमिका रखी. उन्होंने कहा कि हम समाज के धर्मगुरु है. सभी दल और सभी जाति हमारे लिए समान है. हम किसी भी समाज को आशीर्वाद दे सकते है. जब यह सब हुआ तब हम सभी ने संजय राठोड ने फोन किया था. हमने आशीर्वाद के रुप में उन्हें कहा था कि अब कोई बचा नहीं है. सभी शिंदे के साथ गए है. समाज की कुछ समस्याएं है उनका हल करने आप उचित निर्णय करे हमारा आशीर्वाद हमारे साथ है.