सांख्यिकीय विभाग की रिपोर्ट से उजागर हुई असमानताएं
सरकारी कर्मियों के वेतन पर 38 हजार करोड, ठेके पर सिर्फ 2 हजार करोड
यवतमाल/दि.2– सरकार ने खुद नवीनतम आंकड़ों की घोषणा की है जो सरकारी नौकरियों और अस्थायी नौकरियों के बीच भारी अंतर को स्पष्ट करते हैं. राज्य सरकार के सेवा में कार्यरत कर्मचारियों के वेतन पर वर्तमान में 38,161,34 करोड रुपए खर्च किए जाते है, वहीं सरकार के विविध कार्यालय में ठेकेदारी तत्व पर काम करने वाले कर्मचारियों को 2232.72 करोड में ही निपटाया जाता है. और अस्थाई कर्मचारियों के बीच का अंतर करीब 36 हजार करोड से अधिक है.
राज्य सरकार के वित्त व सांख्यिकीय विभाग ने राज्य के सभी कर्मचारियों का सूचनाकोष तैयार किया है. इसमें कौनसे विभाग के और कौनसे संवर्ग के कर्मचारियोें के वेतन पर कितना खर्च किया जाता है, यह घोषित किया गया है. इसके नुसार महाराष्ट्र में 4 लाख 84 हजार 901 कर्मचारी कार्यरत है. राजस्व वर्ष 2022-23 में कर्मचारियों के वेतन पर सरकार ने 38 हजार 161 करोड 34 लाख निधि खर्च की है. तथा ठेके पर काम करनेवाले तीन लाख 37 हजार कर्मचारियों के वेतन पर केवल दो हजार 232 करोड खर्च हुआ है. राज्य के राजस्व खर्च की तुलना में वेतन पर खर्च का प्रतिशत 8.92 है. एक ओर अस्थाई पदभर्ती को लेकर राज्य में रोष निर्माण हो रहा है. वहीं दूसरी ओर सांख्यिकीय विभाग ने घोषित किए सूचनाकोष नुसार ठेका कर्मचारियों के वेतन पर अल्प र्ख होने की बात उजागर हुई है.सरकार ने इस प्रकार की भती्र के लिए हाल ही में 9 एजेंसी नियुक्त की, लेकिन ठेका भर्ती को बेरोजगारों सहित विविध सामाजिक संगठनों द्वारा विरोध किया जा रहा है. वास्तव में ठेका कर्मचारियों पर ही काम का अधिक बोझ होने की दिखाई देती है.
सरकार को ठेका भर्ती के पीछे वेतन पर होने वाले खर्च को कम करने का लक्ष्य रखना चाहिए. लेकिन चूंकि सरकार ने कंपनियों या एजेंसियों के माध्यम से पदभर्ती करने से कंपनियों को शुल्क देना पड़ता है. इसके बजाय सरकार को स्वयं 5-20 वर्षों के लिए अनुबंध पर पद लेकर दैनिक निगरानी प्रणाली विकसित करनी चाहिए. ताकि सभी लोग कुशलता से काम करें. कई युवाओं को काम भी मिलेगा.
-विशाल ठाकरे, सूचना अधिकार कार्यकर्ता
* क्लास वन पर सबसे कम खर्च
श्रेणी वेतन खर्च
अ संवर्ग 17,14,650 करोड
ब संवर्ग 11,06,403 करोड
क संवर्ग 7,25,963 करोड
ड संवर्ग 5,01,537 करोड