यवतमाल

विदर्भ में खेती के लिए 24 घंटे सौर ऊर्जा होना संभव

निविदा प्रारंभ, यवतमाल, अकोला, अमरावती और बुलढाणा में प्रकल्प

यवतमाल/दि.14– कृषि क्षेत्र पर 18 घंटे की लोडशेडींग लादी गई है. इस कारण किसानों के सिंचन का सपना चूर-चूर हो गया है. किसानों के पास इसका सामना करने के लिए पर्यायी यंत्रणा ही नहीं है. इस कारण नमी की व्यवस्था रहनेवाले किसान नैसर्गिक खेती कर रहे है. इन बातो का सामना करने के लिए विदर्भ के किसान आत्महत्याग्रस्त जिले पर ध्यान केंद्रीत किए हुए है. इन जिलो में कृषि फीडर पर 24 घंटे बिजली आपूर्ति दी जानेवाली है. इसके लिए सौरऊर्जा प्रकल्प की निर्मिती की जा रही है. पहले चरण में विदर्भ के यवतमाल जिले का समावेश है. पश्चात अगले चरण में अकोला, अमरावती और बुलढाणा जिले का इसमें समावेश है.

यवतमाल जिले के सौरऊर्जा प्रकल्प के लिए निविदा प्रकाशित की गई है. जिले में 1138 एकड पर सौरऊर्जा प्रकल्प साकार किया जानेवाला है. इस पर 211 मेगावॅट बिजली की निर्मिती होनेवाली है. इसके लिए जिले में 49 उपकेंद्र में 57 सौर प्रकल्प की निर्माण किया जानेवाला है. इस योजना में प्रथम शासकीय जमीन प्राथमिकता से भूसंपादित की जानेवाली है. पश्चात निजी जमीन का इसके लिए विचार होनेवाला है. इसमें 30 वर्ष के लिए किराया पट्टी करार किया जानेवाला है.

* 45 लाख कृषि पंपो को चाहिए सौरऊर्जा
राज्य में 45 लाख कृषि पंप है. इसमें से 30 फीसदी पंप कृषि सौरप्रकल्प से जोडे जानेवाले है. लेकिन प्रत्येक किसान को सौरऊर्जा की आवश्यकता है. परंतु शासकीय यंत्रणा की तरफ से इसे गति मिलने के लिए नीतिगत निर्णय की आवश्यकता है.

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