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पिता के हत्यारे बेटे को उम्रकैद

खेती के विवाद को लेकर पिता को उतारा था मौत के घाट

यवतमाल/दि.20- समीपस्थ झरीझामनी तहसील अंतर्गत खापरी गांव में खेती के बटवारे को लेकर हुए विवाद के चलते अपने जन्मदाता पिता को मौत के घाट उतारने वाले निवासी नामदेव दत्तु उरवते को यवतमाल के अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
जानकारी के मुताबिक नामदेव उरवते का खेती के हिस्से को लेकर अपने पिता दत्तु उरवते के साथ आए दिन झगडा हुआ करता था. 24 जुलाई 2019 की रात दत्तु उरवते अपने घर में खाट पर सो रहे थे. तो रात 2 से 3 बजे के दौरान नामदेव उरवते वहां पर आया और उसने अपने पिता के मुंह में कपास का गोला ठूंसने के साथ ही उनके सिर पर लाठी का जोरदार प्रहार किया. जिसकी वजह से दत्तु उरवते की मौके पर ही मौत हो गई. पश्चात नामदेव उरवते के बडे भाई पंजाबराव उरवते ने पाटन पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई. जिसके बाद धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज करते हुए पुलिस ने नामदेव उरवते को गिरफ्तार किया और मामले की जांच पूरी करते हुए पांढरकवडा स्थित अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायालय में चार्जशीट दायर की गई. इस मामले में अभियोजन पक्ष व्दारा कुल 15 गवाह पेश किए गए. जिसमें से मृतक की पत्नी व आरोपी की मां चंद्रभागा दत्तु उरवते की प्रत्यक्षदर्शी गवाही के साथ ही अन्य परिस्थितिजन्य सबूतों को ग्राह्य माना गया. जिसके आधार पर न्या. डी.बी. नाइकवाड ने आरोपी नामदेव उरवते को धारा 302 के तहत हत्या का अपराधी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई. इस मामले में सरकारी अभियोक्ता के तौर पर एड. रमेश मोरे तथा कोर्ट पैरवी अधिकारी के तौर पर एएसआई मरोती टोंगे व पोहेकां. रमेश पिदुलकर ने काम संभाला.

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