यवतमाल/प्रतिनिधि दि.२७ – जिले में 48 हजार किसानों ने सोयाबीन का अनुदानित बीज पाने के लिए महाडीबीटी पोर्टल पर आवेदन किया है. लेकिन महाबीज के पास सोयाबीन बीज का स्टॉक कम रहने से ड्रॉ पध्दति से किसानों का चयन किया जाएगा. वहीं दूसरी ओर कृषि विभाग ने घरेलू बीज का उपयोग करने का आवाहन किसानों से किया है. लेकिन बेमौसम बारिश से सोयाबीन की फसल मिट्टी में मिल जाने से बुआई के लिए अनेक किसानों के पास सोयाबीन नहीं है. जिसके चलते किसानों की मुसीबतें बढ़ी है.
यहां बता दें कि आर्थिक संकटों में घिरे किसानों ने 3 हजार रुपए क्विंटल की दर से सोयाबीन की बिक्री की थी. आज सोयाबीन के दाम 8 हजार क्विंटल तक बढ़ गये है. बीते कुछ महीने में खाद्य तेलों के बढ़ते दामों को देखते हुए तेल बीज की फसल उगाई पर किसानों का ध्यान दिखाई दे रहा है. जिले में 3 लाख हेक्टेयर तक सोयाबीन का क्षेत्र रहने की संभावना है. बीते वर्ष जिले के अनेक किसानों को नकली सोयाबीन बीज का खामियाजा भुगतना पड़ा था. इसलिए अब कौन से बीज खरीदे जाये, इसे लेकर किसानों में संभ्रम बना हुआ है. बाजार में सोयाबीन बीज की अनेक कंपनियां है. 20 किलो बैग 3500 से 4 हजार रुपए के आसपास मिल रही है.
कृषि विभाग ने घरेलू बीज का उपयोग करने का विकल्प दिया है. लेकिन अनेक किसानों के पास बुआई के लिए सोयाबीन नहीं है. जिन किसानों के पास सिंचाई की सुविधा है, उन्होंने सोयाबीन की बुआई की है. गत वर्ष अनेक किसानों को नकली बीज मिलने से दोबारा बुआई करनी पड़ी थी. इसलिए इस बार किसानों ने लाइसेंसधारक विक्रेताओं से ही बीज की खरीदी करनी चाहिए. इसके अलावा विक्रेताओं से पक्का बिल की रसीद लेनी चाहिए,बिल पर दुकान का नाम, उत्पादक कंपनियों का नाम, मूल्य व किसानों के हस्ताक्षर होना आवश्यक रहने की सूचना कृषि विभाग ने दी है.