-
संभागीय आयुक्त से चर्चा हुई विफल
यवतमाल प्रतिनिधि/दि.१ – जिप की सेवा में रहनेवाले सभी स्वास्थ्य अधिकारी इस समय यवतमाल के जिलाधीश देवेंद्रqसह को हटाये जाने की मांग पर अड गये है और उन्होंने काम बंद आंदोलन करने के साथ ही अमरावती के संभागीय राजस्व आयुक्त पीयूष qसह से इस संदर्भ में चर्चा भी की, लेकिन संभागीय आयुक्त के साथ हुई चर्चा पूरी तरह से विफल हो गयी है. ऐसे में चिकित्सा अधिकारियोें के काम बंद आंदोलन का असर जल्द ही समूचे जिले में दिखाई दे सकता है. बता दें कि, यवतमाल के जिलाधीश देवेंद्रसिंह द्वारा अपमानजनक व्यवहार किये जाने का आरोप लगाते हुए जिप स्वास्थ्य विभाग के सभी वैद्यकीय अधिकारियों ने विगत दो दिनों से काम बंद आंदोलन छेड रखा है. साथ ही उनके इस आंदोलन को तहसीलदार, एसडीओ, बीडीओ, मुख्याधिकारी व उपमुख्याधिकारी आदि द्वारा समर्थन दिया जा रहा है. बुधवार को ही वैद्यकीय अधिकारियों के संगठन ‘मैग्मो‘ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजेश गायकवाड व अन्य पदाधिकारी यवतमाल आये थे. उन्होंने जिलाधीश सिंह को नरम भूमिका अपनाने हेतु शाम तक का ‘अल्टीमेटम‘ दिया था. इसी दौरान संभागीय राजस्व आयुक्त पीयूष सिंह भी यवतमाल पहुंचे और उन्होंने वैद्यकीय अधिकारियों के एक प्रतिनिधि मंडल से चर्चा की, लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं निकलने की वजह से आयुक्त पीयूष सिंह आंदोलनकारियों के मंडप में भी गये. किन्तु वहां पर भी कोई बात नहीं बनी. हडताल कर रहे वैद्यकीय अधिकारी हर हाल में जिलाधीश देवेंद्रसिंह का तबादला किये जाने की मांग पर अडे हुए है. साथ ही उन्होंने आयुक्त पीयूष सिंह दोटूक शब्दों में कहा कि, यदि जिलाधीश का तबादला नहीं किया जा सकता है, तो फिर वैद्यकीय अधिकारियों व स्वास्थ्य सहायकों द्वारा दिये गये इस्तीफों को मंजूर कर लिया जाये. इस गतिरोध का कोई समाधान नहीं निकलने की वजह से गुरूवार को समूचे राज्य में मैग्मो के पदाधिकारी रहनेवाले वैद्यकीय अधिकारी काले फीते लगाकर काम करेंगे. पश्चात राज्य के सभी जिलों में वैद्यकीय अधिकारियोें द्वारा जिलाधीश कार्यालय के समक्ष धरना आंदोलन किया जायेगा. इसके बावजूद भी यदि यवतमाल के जिलाधीश का तबादला नहीं होता है, तो समूचे राज्य के वैद्यकीय अधिकारी काम बंद आंदोलन शुरू करेंगे. ऐसी जानकारी मैग्मो के जिलाध्यक्ष डॉ. विजय आकोलकर व सचिव संघर्ष राठोड ने दी है.
१७ कर्मचारी संगठनों का समर्थन
वैद्यकीय अधिकारियों के काम बंद आंदोलन को १७ कर्मचारी संगठनों द्वारा अपना समर्थन दिया गया है. जिसमें सीओ, बीडीओ, तहसीलदार व राजस्व संगठनों सहित आयएमए का भी समावेश है.