अमरावतीयवतमालविदर्भ

एक सप्ताह में ग्रामीण क्षेत्र के बेघरों की समस्याओं पर बैठक

जल्द निकाला जाएगा आवास योजना की दिक्कतों का समाधान

* सीएम शिंदे ने विधायक बच्चू कडू को दिया आश्वासन
नागपुर/ दि.30- पीएम आवास योजना के तहत शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के लिए अनुदान में रहने वाले फर्क को दूर करने के साथ ही प्रत्येक बेघर व्यक्ति को आवास योजना के तहत उनका अधिकारपूर्ण घर दिलाने हेतु राज्य सरकार पूरी तरह से गंभीर है और आगामी एक सप्ताह के भीतर इस विषय से संंबंधित बैठक बुलाई जायेगी. जिसमें सभी समस्याओं का समाधान खोजा जाएगा, इस आशय का आश्वासन राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व्दारा गत रोज विधायक बच्चू कडू को दिया गया.
बता दे कि, पीएम आवास योजना के तहत शहर क्षेत्र के लिए ढाई लाख रुपए का अनुदान दिया जाता है और केवल वार्षिक आय के प्रमाणपत्र के आधार पर लाभार्थी को योजना का लाभ दिया जाता है. साथ ही शहरी क्षेत्र में परिवार के हर सदस्य को आवास योजना का लाभ दिये जाने का प्रावधान है. वहीं ग्रामीण क्षेत्र में योजना के तहत परिवार के किसी एक व्यक्ति को ही योजना का लाभ मिलता है. जिसके लिए 21 तरह के दस्तावेज जमा करने पडते है. जिसके बाद केवल 1.18 लाख रुपए की अनुदान राशि मिलती है, ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र में आज ही अनेकों लोग आवास योजना के लाभ से वंचित और कच्चे मकानों में रह रहे है. सबसे बुरी हालत उन लोगों की है, जो अस्थाई तंबुनुमा घरों में रहते है और रोजगार की तलाश में इधर से उधर स्थलांतरीत होते है. इन सभी बातों की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने हेतु विधायक बच्चू कडू ने नागपुर शीतसत्र के दौरान नागपुर में अमरावती रोड स्थित धामणा (रोहणा) गांव में तंबु आंदोलन करना शुरु किया था. जहां पर विधायक बच्चू कडू अपने सैकडों समर्थकों के साथ तिरपाल के तंबु लगाकर रह रहे थे और यहीं से विधान भवन आना-जाना कर रहे थे. विधायक बच्चू कडू व्दारा शुरु किये गए इस आंदोलन की जानकारी मिलने के बाद गत रोज राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तथा भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले आंदोलन स्तर पर पहुंचे. जहां पर उन्होंने विधायक बच्चू कडू के साथ उनके तंबु में मुलाकात की. इस समय सीएम एकनाथ शिंदे ने विधायक बच्चू कडू व्दारा उठाई गई मांगों के संदर्भ में अपना सकारात्मक प्रतिसाद दिखाते हुए कहा कि, आगामी एक सप्ताह के भीतर वे इन तमाम मांगों के संदर्भ में विचार विमर्श करने और निर्णय लेेने हेतु बैठक बुलायेंगे. जिसमें सभी समस्याओं को हल करने के बारे में सकारात्मक तरीके से कदम उठाने पर विचार किया जाएगा. सीएम शिंदे व्दारा दिये गए आश्वासन के बाद विधायक बच्चू कडू ने अपना तंबु आंदोलन पीछे लेने की घोषणा की.

अच्छा है सरकार बदल गई, तो सीएम दिखे, तो वरना एफबी लाइव पर ही दिखते
विधायक बच्चू कडू ने बिना नाम लिये साधा उध्दव ठाकरे पर निशाना
इस समय आंदोलन स्थल पर भेंट देने और अपने व्दारा उठाई गई मांगों पर सकारात्मक रुख दिखाने के लिए विधायक बच्चू कडू ने सीएम एकनाथ शिंदे के प्रति आभार ज्ञापित करते हुए कहा कि, अच्छा है राज्य में सरकार बदल गई है, तो कम से कम सरकार के मुखिया हमसे मिलने हमारे पास आये. वरना किसी समय राज्य में मुख्यमंत्री के दर्शन होना भी काफी दुर्लभ था. आज यदि इसलिए सरकार ही सत्ता में होती, तो मुख्यमंत्री हमारे पास तक नहीं आते, बल्कि फेसबुक लाइव के जरिये ही आंदोलन को देख लेते और वहीं बैठे-बैठे अपना संदेश भी भेज देते. विधायक बच्चू कडू ने यद्यपि इस समय किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके निशाने का रुख राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे की ओर था. यह बात सभी के समझ में आ गई और बात समझ में आते ही सीएम शिंदे, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बावनकुले सहित आंदोलन स्थल पर उपस्थित सभी लोग दिलखोलकर हंसे.
इस समय विधायक बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, जनता के दम पर चुनाव जीतने वाले सांसदों व विधायकों के बडे-बडे घरों में जिस आकार वाले बडे बाथरुम होते है, अगर किसी गरीब को उतनी ही जगह में घर बनाकर दिया जाए, तो भी एक गरीब परिवार का गुजर बसर हो सकता है. अत: सरकार में शामिल लोग जितने बडे आकार वाले बाथरुम का प्रयोग करते है, कम से कम उतने ही आकार वाले पक्के घर गरीबों को बनाकर दिये जाए, तो भी काफी रहेगा.

तंबु आंदोलन में अमरावती के पदाधिकारी भी शामिल
विगत 27 दिसंबर से विधायक बच्चू कडू व्दारा शुरु किये गए तंबु आंदोलन में प्रहार जनशक्ति पार्टी के अमरावती महानगर प्रमुख बंटी रामटेके ने भी शहर के पार्टी पदाधिकारियों के साथ हिस्सा लिया और कडाके की ठंड के बीच रास्ते के किनारे तिरपाल व ताडपत्री का तंबु लगाकर रहने वाले विधायक बच्चू कडू के साथ वे पूरा समय रहे. इन पदाधिकारियों में जिला महासचिव अकबर भाई, संपर्क प्रमुख गोलू पाटील, संगठक प्रमुख श्याम इंगले सहित राम खरुले, कमलेश दंदाले, विक्रम जाधव, कुणाल खंडारे, वैभव करडीकर व मनीष पवार आदि का समावेश था.

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