दो लाख से अधिक अल्पसंख्यक छात्रों को मिलेगी छात्रवृत्ति
असुविधा टालने के लिए नोडल ऑफिसर की केवायसी अनिवार्य
यवतमाल प्रतिनिधि/दि.२४ – कोरोना के चलते राज्य के सभी स्कूल बंद है (All schools in the state are closed). इस स्थिति में भी नये सत्र की छात्रवृत्ति छात्रोंं को निर्धारित समय में देने के लिए सरकार प्रयासरत है. अल्पसंख्यक छात्रों का पंजीयन भी शुरू किया गया है. केन्द्र की ओर से घोषित किए गये कोटे के अनुसार इस बार महाराष्ट्र के दो लाख ८५ हजार ४५१ छात्रो को छात्रवृत्ति का लाभ दिया जायेगा. राज्य के मुस्लिम, बौध्द, जैन, क्रिश्चयन ,सिख्ख, पारसी समुदाय के छात्रों को छात्रवृत्ति का लाभ दिया जाता है वर्ष २००८-०९ सत्र से आरंभ की गई योजना प्रधानमंत्री के १५ सूत्रीय कार्यक्रम अंतर्गत चलाई जाती है. इस बार केन्द्र की ओर से महाराष्ट्र के लिए २ लाख ८५ हजार ४५१ छात्रों का कोटा घोषित किया है. उसके लिए छात्रों के लिए ऑनलाईन आवेदन १६ अगस्त से ३१ अक्तूबर की अवधि तक मंगवाए गये है. वर्ष २०२०-२१ सत्र मेंं अल्पसंख्यक छात्रों को गुणवत्ता के आधार पर प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति सीधे बैंक खाते में जमा की जायेगी. कक्षा पहली से दसवी के छात्रों को इस योजना का लाभ मिलेगा. पात्र छात्रों के आवेदन भरवाकर लेने को लेकर अल्पसंख्यक शिक्षा संचालक सुनील चव्हाण ने शिक्षाधिकारी को निर्देश दिया है. सरकार के एनएसपी पोर्टल पर छात्रों के आवेदनों की पड़ताल करते समय अनेक स्कूल स्तर पर बीते शैक्षणिक सत्र में धांधली होने की बात चव्हाण ने अपने आदेश में स्पष्ट की है. २०१९-२० के सत्र में अनेक आवेदनों की पड़ताल की गई है. इसलिए इस बार प्रत्येक स्कूल द्वारा अपने नोडल ऑफिसर का केवायसी फार्म भरकर, स्कूल का पासवर्ड बदलने के निर्देश दिए गये है. इसके अलावा आवेदन में स्कूल फीस,शैक्षणिक शुल्क, परीरक्षण भत्ता आदि की जानकारी छात्रों द्वारा न भरते हुए संबंधित स्कूल द्वारा अपनी वेबसाईड के जरिए भरने के निर्देश दिए गये हैे.
वर्ष २०११ में जनगणना के आधार पर धर्मनिहाय छात्रवृत्ति का कोटा निर्धारित किया गया है. छात्रों की ओर से अनेक मर्तबा प्रवेश शुल्क की रकम आवेदन में भरते समय गलतियां होती है.इसलिए इस बार पोर्टल में बदलाव कर यह अधिकार स्कूलों को दिया गया है.
सुनील चव्हाण,
संचालक अल्पसंख्यक शिक्षा विभाग, पुणे
धर्मनिहाय मंजूर छात्र
मुस्लिम- १,६६, ४०४
बौध्द- ८३,७८७,
जैन- १७,९६५
क्रिश्चयन- १३,८५६
सिख्ख- २,८६४
पारसी- ५७५
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कुल- २,८५,४५१