यवतमाल/ दि. 4- लगातार जनजागृति के कारण मानव अधिकार के बारे में अब हर व्यक्ति संवेदनशील हो गया है. इसी वजह से मानव अधिकार आयोग की ओर शिकायत की बारिश हो रही है. केवल 1 वर्ष में करीब 3 हजार 763 शिकायत दर्ज होने की रिपोर्ट आयोग ने राज्य सरकार को पेश की है. जिसमें से डेढ हजार शिकायत केवल पुलिस विभाग के खिलाफ है.
राज्य मानव अधिकार आयोग ने वर्ष 2020-21 इस वर्ष के काम की रिपोर्ट हाल ही में राज्य विधानमंडल के अधिवेशन में दी है. जिसके अनुसार जनवरी से दिसंबर 2020 इस एक वर्ष भर में प्राप्त शिकायत में से सबसे ज्यादा 1558 शिकायत पुलिस के खिलाफ है. विभिन्न जेल में कैद कैदियों के मानव अधिकार का उल्लंघन हो रहा है. इसकी भी 332 शिकायत आयोग को प्राप्त हुई है. गंभीर बात यह है कि उन शिकायतों में से आयोग केवल 1 हजार 83 शिकायत का वर्ष भर में निपटारा कर पाया. इसके पीछे मानव अधिकार आयोग को शासन से मिलनेवाला कम अनुदान और मुलभूत सुविधा की मर्यादा मुख्य कारण होने की बात बताई जा रही है. आयोग के अध्यक्ष एम.ए. सईद, सचिव तुकाराम मुंडे, रिपोर्ट के प्रास्ताविक में ही परेशानी का उल्लेख किया है.
* 20 हजार मुकदमे प्रलंबित
राज्य मानव अधिकार आयोग ने 1 वर्ष में केवल 1 हजार 83 मामलों का निपटारा किया. परंतु आज भी आयोग के सामने करीब 20 हजार 737 मुकदमें प्रलंबित पडे है. 2019 के 18 हजार 57 मुकदमे पहले ही प्रलंबित है. ऐसे में 2020 में और 3 हजार 763 शिकायत आयोग को प्राप्त हुई है. कुल 21 हजार 820 शिकायत में से केवल हजार शिकायत का ही 2020 में निपटारा हो पाया है.